Sunehri Bagh Mosque : दिल्ली ट्रैफिक पुलिस ने 28 फरवरी को दिल्ली उच्च न्यायालय को बताया कि 150 साल पुरानी सुनहरी बाग मस्जिद के विध्वंस से संबंधित मामला शहरी विकास मंत्रालय की विरासत संरक्षण समिति को भेजा गया है। नई दिल्ली नगरपालिका परिषद यानी एनडीएमसी ने दिल्ली की सुनहरी बाग मस्जिद को हटाने के लिए लोगों से सुझाव मांगे। लोग के सुझाव के पहले ही मस्जिद के इमाम दिल्ली हाईकोर्ट पहुंच गए।
इस मामले पर हाईकोर्ट में 28 फरवरी को सुनवाई हुई। हाईकोर्ट को बताया गया कि सुनहरी बाग मस्जिद को ढहाने का मुद्दा धरोहर संरक्षण समिति यानी एचसीसी की सिफारिश के लिए भेजा गया है। याचिका में एनडीएमसी के 24 दिसंबर के सार्वजनिक नोटिस को चुनौती दी गई थी, जिसमें मस्जिद को हटाने के बारे में आपत्तियां और सुझाव मांगे गए थे।
सुनहरी बाग मस्जिद को 18वीं सदी में बनवाया गया था। इसका निर्माण मुगल सम्राट मुहम्मद शाह के शासनकाल के दौरान मुगल रईस रोशन-उद-दौला ने करवाया था। सुनहरी बाग मस्जिद पुरानी दिल्ली चांदनी चौक में गुरुद्वारा सीस गंज साहिब के पास है। सुनहरी बाग मस्जिद सड़क के बीचों-बीच गोल चक्कर पर है। एक समय तक इस गोल चक्कर को ‘हकीम जी का बाग’ नाम से भी पहचाना जाता था। इसी छोटे से बाग में सुनहरी मस्जिद है। एनडीएमसी ट्रैफिक व्यवस्था को बेहतर बनाने के लिए सुनहरी मस्जिद हटाना चाहती है।
एनडीएमसी का कहना है कि सुनहरी बाग मस्जिद के कारण यातायात जाम की समस्या बराबर बनी हुई है। सुनहरी बाग मस्जिद को गोल चक्कर से हटाना ही एकमात्र विकल्प है। दिल्ली हाईकोर्ट ने 21 फरवरी को सुनहरी बाग मस्जिद के प्रस्तावित विध्वंस के खिलाफ दायर जनहित याचिका पर विचार करने से इनकार कर दिया था। कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश मनमोहन और न्यायमूर्ति मनमीत पीएस अरोड़ा की खंडपीठ ने कहा कि इसी तरह की याचिका पहले से ही हाईकोर्ट की सिंगल बेंच के पास लंबित है। इस मामले में फिलहाल कोई आदेश पारित करने की जरूरत नहीं है।