Reservation for Transgender : हाई कोर्ट ने पश्चिम बंगाल सरकार को राज्य में सभी सार्वजनिक रोजगार में ट्रांसजेंडर कम्युनिटी के लिए एक प्रतिशत आरक्षण सुनिश्चित करने का निर्देश दिया है। (Wikimedia Commons) 
पश्चिम बंगाल

पश्चिम बंगाल में ट्रांसजेंडर को सभी सार्वजनिक रोजगार में मिलेगा 1% आरक्षण

न्यूज़ग्राम डेस्क

Reservation for Transgender : कलकत्ता हाई कोर्ट में ट्रांसजेंडर के आरक्षण के मुद्दे पर सुनवाई की। इस दौरान हाई कोर्ट ने पश्चिम बंगाल सरकार को राज्य में सभी सार्वजनिक रोजगार में ट्रांसजेंडर कम्युनिटी के लिए एक प्रतिशत आरक्षण सुनिश्चित करने का निर्देश दिया है। इसलिए राज्य सरकार ने रोजगार में ट्रांसजेंडरों के साथ समान व्यवहार की नीति अपनाई है। आपको बता दें इस मामले में सुनवाई न्यायमूर्ति राजशेखर मंथा की पीठ ने की है। उन्होंने पश्चिम बंगाल सरकार के मुख्य सचिव को सभी सार्वजनिक रोजगार में ट्रांसजेंडरों के लिए एक प्रतिशत आरक्षण सुनिश्चित करने का निर्देश दिया।

ट्रांसजेंडर को भी मिलेगा उनका अधिकार

हाई कोर्ट का यह आदेश एक ट्रांसजेंडर की याचिका पर आया, जिसने शिक्षक पात्रता परीक्षा टेट 2014 और टेट 2022 में भी सफलता प्राप्त की, लेकिन उसे काउंसलिंग या साक्षात्कार के लिए नहीं बुलाया गया। शुक्रवार को पारित आदेश में न्यायमूर्ति मंथा ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने साल 2014 के एक मामले में कहा था कि लैंगिक मामले में पुरुष और महिला के अलावा 'हिजड़ा' और 'किन्नर' को संविधान के भाग तीन के तहत उनके अधिकारों की रक्षा के उद्देश्य से थर्ड जेंडर के रूप में माना जाना चाहिए।

लैंगिक मामले में पुरुष और महिला के अलावा 'हिजड़ा' और 'किन्नर' को संविधान के भाग तीन के तहत उनके अधिकारों की रक्षा के उद्देश्य से थर्ड जेंडर के रूप में माना जाना चाहिए। (Wikimedia Commons)

पश्चिम बंगाल के मुख्य सचिव ने हाई कोर्ट को सूचित किया था कि राज्य के महिला एवं बाल विकास और समाज कल्याण विभाग ने 30 नवंबर, 2022 को एक अधिसूचना जारी की थी कि ट्रांसजेंडर व्यक्ति बिना किसी भेदभाव के रोजगार के समान अवसर के हकदार थे।

जल्द ही करवाए जाएंगे इंटरव्यू की व्यवस्था

अदालत ने बताया कि अधिसूचना से यह स्पष्ट है कि राज्य ने स्वयं ट्रांसजेंडर व्यक्तियों के साथ रोजगार में समान व्यवहार की नीति अपनाई है। न्यायमूर्ति मंथा ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट के आदेश के अनुसार राज्य में ट्रांसजेंडर व्यक्तियों के लिए अभी तक आरक्षण नहीं किया गया है। इसके बाद न्यायमूर्ति मंथा ने पश्चिम बंगाल प्राथमिक शिक्षा बोर्ड के सचिव को विशेष मामले के रूप में याचिकाकर्ता के इंटरव्यू और परामर्श की व्यवस्था करने का भी निर्देश दिया।

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