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डॉ मुनीश रायजादा ने फिर मांगा केजरीवाल से चंदे का हिसाब ​

Saksham Nagar

हमारे देश के राजनैतिक इतिहास में जब भी कोई बड़ा आंदोलन हुआ है उसमे कोई न कोई बड़ा राजनेता उभर कर आया ही है। अब चाहे वो 1975 के जेपी आंदोलन के वक्त लालू प्रसाद यादव हो या फिर 2011 के अन्ना आंदोलन के समय अरविंद केजरीवाल(Arvind Kejriwal)। खैर अब लालू यादव राजनैतिक तौर पर ज़्यादा सक्रीय नहीं हैं पर अरविंद केजरीवाल दिल्ली की सियासत में अब अपनी एक अलग पहचान बना चुके हैं और अब वे अपने पैर दिल्ली के बाहर जमाने के लिए प्रयास कर रहे है।

2011 में अन्ना आंदोलन(Anna Andolan) के बाद सुर्ख़ियों में आए अरविंद केजरीवाल ने आम आदमी पार्टी(Aam Aadmi Party) नाम से पार्टी बनाकर दिल्ली की सियासत में कदम रखा। आम आदमी पार्टी बनाने का मकसद साफ़ था आम आदमी के लिए काम करने वाली पार्टी। केजरीवाल ने जब पार्टी बनाई थी तो उन्होंने बताया था की यह पार्टी सिर्फ चंदे पर चलेगी और वे चंदे का सारा रिकॉर्ड अपनी पार्टी की वेबसाइट पर अपलोड करेंगे। केजरीवाल जब 2015 में प्रचंड बहुमत के साथ दिल्ली के मुख्यमंत्री बने तो उन्होंने सारा रिकॉर्ड अपनी वेबसाइट से हटा लिया।

केजरीवाल ने चुनाव के वक्त बड़े-बड़े वादे किये थे की वे दिल्ली की सड़कों को लंदन की तरह बना देंगे, सबको बिजली-पानी मुफ्त में मिलेगी लेकिन आज दिल्ली की हालत सुधरने के बजाय बत से बदतर हो गई है। सड़कों पर कूड़े का अंबार रहता है और पानी तो नहाने लायक तक नहीं आता पीना तो दूर की बात है। केजरीवाल भले ही टीवी पर बड़े-बड़े विज्ञापन चलाकर झूठे दावे कर लें लेकिन असलियत में उनके सारे दावे झूठे हैं।

केजरीवाल की इसी वादाखिलाफी को देखते हुए जो बड़े नाम शुरुआत में आप के साथ थे जैसे कुमार विश्वास, शाज़िया इल्मी, प्रशांत भूषण और योगेंद्र यादव जैसे लोग अब आप से अलग हो चुके हैं और अपने-अपने स्तर पर केजरीवाल से आम आदमी के सवालों का जवाब मांग रहे हैं।

इन्ही में से एक हैं डॉ मुनीश रायजादा(Dr Munish Raizada) । डॉ मुनीश रायजादा (शिकागो, यूएसए) आप के एनआरआई सेल के पूर्व सह-संयोजक,पारदर्शिता निदेशक। परदर्शिता एक 7-एपिसोड की वेब श्रृंखला है जो आप की अनकही कहानियों पर आधारित है (अब यूएसए में अमेज़न प्राइम पर उपलब्ध है)।रायजादा चंदा बंद सत्याग्रह के संयोजक भी हैं, जो आप द्वारा दानदाताओं की सूची को छिपाने के खिलाफ लड़ाई है।

डॉ रायजादा ने हाल ही में चंदे का हिसाब मांगते हुए बीते 2 और 3 जनवरी को चंडीगढ़ और जालंधर में प्रेस कांफ्रेंस की थी। डॉ रायजादा ने इस मौके पर उन्होंने प्रसिद्ध बॉलीवुड गायक उदित नारायण द्वारा कितना चंदा जेब में आया गाना लांच किया जोकि ट्रांसपेरेंसी: परदर्शिता वेबसीरीज का ही हिस्सा है।

अरविंद केजरीवाल द्वारा किये गए छलावे का संक्षिप्त विवरण Transparency: पारदर्शिता वेब सीरीज में दिखता है जिसे स्वयं डॉ रायजादा ने निर्देशित और निर्मित किया है।


Arvind Kejriwal Exposed By Udit Narayan | उदित नारायण केजरीवाल से, कितना चंदा जेब में आया?

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Q.1 Transparency: पारदर्शिता है क्या?

Ans. यह एक राजनीतिक थ्रिलर वेब सीरीज है, जिसे डॉ मुनीश रायजादा द्वारा निर्मित और निर्देशित किया गया है। यह वेब सीरीज "चंदे की पारदर्शिता" के लिए एक आम – आदमी द्वारा किए गए संघर्ष को उजागर करती है।

Q. 2 क्या आप किसी पार्टी से संबंधित हैं?

Ans. हमनें AAP को देश में बदलाव लाने, स्वराज की स्थापना और भ्रष्टाचार के खात्मे की उम्मीद से पार्टी को समर्थन दिया था। AAP का मूल सिद्धांत था "चंदे की पारदर्शिता" लेकिन आज वो खत्म हो चुका है और आज हम उन्हीं के बनाए सिद्धांत एक बार फिर उन्हें याद दिलाना चाहते हैं।

Q.3 चंदा बंद सत्याग्रह क्या है?

Ans. चंदा बंद सत्याग्रह, डॉ. मुनीश रायजादा (Dr. Munish Raizada) द्वारा आम आदमी पार्टी की "फंडिंग को पारदर्शी" किए जाने और "चंदे की पारदर्शिता" को बनाए रखने के लिए शुरू किया गया था और यह आज भी जारी है।

हमारी यह लड़ाई सैद्धांतिक है। आम जनता ने जो चंदा पार्टी को दिया, हमें केवल उसका हिसाब चाहिए। AAP पार्टी एक बुनियादी सिद्धांत 'वित्तीय पारदर्शिता' के साथ सत्ता में आई थी। पार्टी का दावा था कि वह जनता के प्रति जवाबदेह होगी। फिर आज पार्टी हमें जवाब क्यों नहीं देती है? सत्ता के लालच में आज वह जानता से किए वादों को भूल बैठे हैं लेकिन हम आज भी उन्हीं सिद्धांतों पर अडिग हैं और "चंदे" का हिसाब पार्टी से मांगते हैं।

हमारा केवल एक सवाल: कितना चंदा जेब में आया, कितना बाँटा कितना खाया?न्यूज़ग्राम के साथ

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