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GOA के CM की पर्यटन को समुद्र तटों से दूर गांवों की ओर ले जाने की योजना

NewsGram Desk

Goa के CM प्रमोद सावंत (Pramod Sawant) ने बुधवार को अपने बजट भाषण में पर्यटन क्षेत्र को राज्य के लोकप्रिय समुद्र तटों से हटकर भीतरी इलाकों में, खासकर जंगली पश्चिमी घाटों के निचले इलाकों और गोवा के ग्रामीण इलाकों में ले जाने के प्रयास का जिक्र किया। वर्ष 2022-23 के लिए विधानसभा में पेश राज्य के बजट में स्थानीय आबादी की भागीदारी और रोजगार पैदा करने के लिए एक पर्यावरण-पर्यटन नीति का भी प्रस्ताव है।

मुख्यमंत्री ने अपने बजट भाषण में कहा, "मेरी सरकार की प्राथमिकता और फोकस क्षेत्रों में से एक है, विशेष रूप से राज्य के अविश्वसनीय रूप से समृद्ध जंगलों और वन्यजीव क्षेत्रों में और आसपास के इलाकों में पर्यावरण-पर्यटन को बढ़ावा देने के प्रयास करना।"

सावंत ने यह भी कहा, "इस उद्देश्य के लिए हम एक 'इको-टूरिज्म पॉलिसी' लेकर आएंगे जो स्थानीय लोगों की सक्रिय भागीदारी पर जोर देगी, ताकि उन्हें रोजगार के लाभकारी अवसर प्रदान किए जा सकें। सोशल मीडिया सहित विभिन्न प्लेटफार्मो के माध्यम से इको-टूरिज्म साइटों और सुविधाओं का पर्याप्त प्रचार भी किया जाएगा।

बजट भाषण में ईको-टूरिज्म के तत्वावधान में पश्चिमी घाटों के भीतरी इलाकों को विकसित करने का भी प्रस्ताव रखा गया है।

सावंत ने कहा, "मैं सेलाउलिम में पश्चिमी घाटों के लिए इको-टूरिज्म और प्रकृति शिक्षा पार्क के विकास और दूधसागर में ट्रैकिंग कॉरिडोर और कैंपिंग क्षेत्रों के साथ-साथ बुनियादी ढांचे के विकास के माध्यम से गोवा के भीतरी इलाकों को विकसित करने का प्रस्ताव करता हूं।"

सावंत ने यह भी कहा कि जहां तक पर्यटन का सवाल है, गोवा सरकार क्षमता का दोहन करने के लिए आदर्श गांवों का विकास करेगी।

उन्होंने कहा, "'आदर्श गांवों का विकास' योजना के तहत हम जनसांख्यिकी, प्राकृतिक आकर्षण और पर्यटन विकास जैसी क्षमता के आधार पर विभिन्न गांवों की सहायता करेंगे। इसके लिए 4 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है।"

बजट में पर्यटन क्षेत्र के लिए 247.16 करोड़ रुपये आवंटित करने का प्रस्ताव है, जो महामारी से बुरी तरह प्रभावित हुआ है, जिसके कारण 2020 में राज्य में केवल 26 लाख पर्यटक आए।

सावंत ने पुराने गोवा में विभिन्न अन्य चर्चो के साथ बेसिलिका ऑफ बॉम जीसस में बुनियादी ढांचे और सुविधाओं के विकास के लिए केंद्रीय पर्यटन मंत्रालय के तीर्थयात्रा कायाकल्प और आध्यात्मिकता संवर्धन अभियान के तहत 51.74 करोड़ रुपये के आवंटन की भी घोषणा की।

–आईएएनएस(DS)

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