शिवराज सिंह चौहान , मुख्यमंत्री ; मध्य प्रदेश [Wikimedia Commons] 
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मप्र में गाय के भोजन पर ‘कर’ लगाने की तैयारी से मचा सियासी घमासान

NewsGram Desk

मध्य प्रदेश में 'गाय' (cow) पर सियासी संग्राम शुरू होने के आसार बनने लगे हैं, क्योंकि राज्य की वर्तमान शिवराज सिंह चौहान सरकार ने गाय के भोजन के लिए 'कर' लगाने की तैयारी में है।शिवराज सरकर के इस फैसले पर कांग्रेस ने हमला करते हुए कहा कि राजनीति के लिए तो धन है मगर गाय के ग्रास का बोझ आम आदमी पर डाला जा रहा है।

राज्य की सियासत में गाहे-बगाहे गाय बड़ा मुद्दा बन जाता है। सत्ता पक्ष भाजपा और विपक्ष कांग्रेस अपने को 'गाय' (cow) का सबसे बड़ा हितैषी बताने से नहीं चूकते। राज्य की वर्तमान शिवराज सिंह चौहान ने भी गौशालाओं के विकास पर जोर दिया है।

मुख्यमंत्री चौहान ने कहा है कि आगर-मालवा जिले के सालरिया गौ-अभयारण्य को देश के आदर्श के रूप में विकसित कर अखिल भारतीय स्तर पर सबसे अच्छा गौ-अभयारण्य बनाया जाए। अभयारण्य को विकसित करने के लिए राज्य के योग्य सामाजिक संगठन को जिम्मेदारी दी जाए।

मुख्यमंत्री चौहान ने जबलपुर जिले के गंगईवीर में गौ-वंश वन विहार की स्थापना करने के निर्देश देते हुए कहा कि गंगईवीर में पशुपालन विभाग की 530 एकड़ भूमि में क्रमबद्ध तरीके से दो हजार गौ-वंश को आश्रय दिया जा सकेगा।


मप्र में गो पालन के लिए 2200 गौ-शालाएं बनाई जाएंगी। (pixabay)

चौहान ने प्रदेश में गौ-वंश एवं नंदी की नस्ल सुधार पर जोर देते हुए कहा कि ज्यादा दूध देने वाले गौ-वंश पर अनुसंधान किया जाए, गौ-उत्पादों के विक्रय के लिए विशेष व्यवस्था बनाई जाए एवं अधिकाधिक प्रचार-प्रसार किया जाए। साथ ही गौ-फिनायल का उपयोग शासकीय कार्यालयों में किया जाए। गौ-ग्रास के लिए कर लगाने संबंधी योजना तैयार करें। साथ ही जन-भागीदारी को भी बढ़ावा दिया जाए।

राज्य में गो (cow)पालन के लिए 2200 गौ-शालाएं बनाई जाएंगी। गौ-शालाओं के संचालन का कार्य समाजसेवी संस्थाओं को सौंपा जाएगा। गौ-अभयारण्य को गौ-पर्यटन का केन्द्र बनाया जाएगा। इसके लिए पर्यटन विभाग ने कार्य शुरू कर दिया है। प्रदेश में बंद किए गए 08 गौ-सदन फिर प्रारंभ किए जाएंगे।

कांग्रेस गायों (cow) को लेकर सरकार द्वारा अपनाए जा रहे फैसलों पर सवाल खड़े करती है। कांग्रेस के प्रदेश प्रवक्ता अजय सिंह यादव का कहना है कि कमल नाथ सरकार के काल में राज्य में एक हजार गौशालाओं को अस्तित्व में लाया गया था, गायों के भोजन पर खर्च होने वाली राशि को बढ़ाया गया था। भाजपा की सरकार आते ही वह सब बंद कर दिया गया।

उन्होंने आगे कहा कि भाजपा सरकार के पास राजनीतिक कार्यक्रमों के लिए तो धनराषि है मगर गायों के भोजन के लिए नहीं। अब तो सरकार गायों के भोजन का भी आम आदमी पर बोझ डालने के लिए कर लगाने जा रही है। यह सब सरकार और भाजपा के चरित्र को उजागर करने वाला है। (आईएएनएस)

Input : IANS ; Edited By: Manisha Singh

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