विरोधी दलों के हंगामे और मत विभाजन की मांग के बीच मतदान के जरिए केंद्रीय गृह राज्य मंत्री Ajay Mishra Teni ने सोमवार को लोकसभा में दण्ड प्रक्रिया ( पहचान ) विधेयक 2022 को पेश कर दिया। विरोधी दलों द्वारा डिवीजन की मांग पर लोक सभा अध्यक्ष ओम बिरला ने इस विधेयक को पेश करने के प्रस्ताव पर सदन में मतदान कराया । सरकार द्वारा विधेयक पेश करने के प्रस्ताव के समर्थन में 120 सांसदों और विरोध में 58 सांसदों ने वोट किया। सोमवार को लोकसभा में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह की तरफ से गृह राज्य मंत्री अजय मिश्रा टेनी ने दण्ड प्रक्रिया ( पहचान ) विधेयक 2022 को पेश किया। विरोधी दलों की तरफ से कांग्रेस के अधीर रंजन चौधरी एवं मनीष तिवारी , आरएसपी के एनके प्रेमचंद्रन, तृणमूल कांग्रेस के सौगत रॉय और बसपा के रितेश पांडेय ने इस विधेयक को संविधान प्रदत मौलिक अधिकारों का उल्लंघन और सुप्रीम कोर्ट द्वारा दिए गए कई आदेशों के खिलाफ बताते हुए इसे लोकसभा में पेश करने का विरोध किया।
विरोधी दलों के आरोपों को खारिज करते हुए गृह राज्य मंत्री अजय मिश्रा टेनी ने कहा कि इससे पहले बंदी शिनाख्त अधिनियम 1920 में बनाया गया था और यह 102 साल पुराना हो चुका है। उन्होंने बताया कि 1980 में विधि आयोग ने भी इसमें संशोधन की सिफारिश की थी लेकिन इस सिफारिश को किए गए भी 42 वर्ष हो चुके है। इसलिए जांच एजेंसियों की सुविधा और सजा की दर को बढ़ाने के लिए राज सरकारों और इससे जुड़े सभी पक्षों से चर्चा के बाद इस विधेयक को लाया गया है। उन्होंने भरोसा दिलाया कि इस विधेयक के माध्यम से लोगों के मौलिक अधिकारों का हनन नहीं किया जा रहा है और बिल पर चर्चा के दौरान सरकार सभी शंकाओं का जवाब देने के लिए तैयार है।
लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला द्वारा विधेयक पेश करने के प्रस्ताव पर पहले ध्वनिमत से अनुमति ली गई लेकिन विपक्ष द्वारा मत विभाजन की मांग करने पर सदन में मतदान कराया गया। जिसमें सरकार द्वारा विधेयक पेश करने के प्रस्ताव के समर्थन में 120 सांसदों और प्रस्ताव के विरोध में 58 सांसदों ने वोट किया और यह बिल लोकसभा में पेश हो गया।
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–आईएएनएस|{NM}