विजय अरोड़ा:- साल 1973 में जीतन अमान की फिल्म यादों की बारात ने सिनेमा घरों में दस्तक दी थी [Wikimedia Commons] 
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एक ही गाने से विजय अरोड़ा रातों-रात बन गए थे सुपरस्टार

फिल्मों में काम करने के बाद उन्होंने काफी समय तक छोटे पर्दे पर भी काम किया इसके बाद कैंसर जैसी बीमारी के चपेट में आ गए और काफी तकलीफें झेलने के बाद साल 2007 में उनका निधन हो गया।

न्यूज़ग्राम डेस्क, Sarita Prasad

साल 1973 में जीतन अमान की फिल्म यादों की बारात ने सिनेमा घरों में दस्तक दी थी इस फिल्म से विजय अरोड़ा को हिंदी सिनेमा में अलग पहचान भी मिली थी। अपनी इस फिल्म से ही वह रातों रात इंडस्ट्री में अपनी पहचान बनाने में कामयाब रहे थे। 1987 में रामानंद सागर की रामायण में उन्हें मेघनाथ का किरदार निभा कर भी खूब वाहवाही लूटी थी। इंडस्ट्री में बहुत कम लोग हैं जिन्हें करियर की शुरुआत में ही वह सफलता मिल जाती है जिसे पाने के लिए एक्टर्स को सालों तक संघर्ष करना पड़ता है उसे चुनिंदा एक्टर्स में से एक है विजय अरोड़ा जिन्होंने चंद लम्हों की स्क्रीन प्रेजेंट, इक्का दुक्का रोमांटिक सॉन्ग किया लेकिन करियर की पहली फिल्म से ही स्टारडम मिला कि खुद इस हीरो की वजह से सुपरस्टार राजेश खन्ना भी इन सिक्योर महसूस करने लगे थे। उनकी फिल्म का एक गाना तो इतना पॉप्युलर हुआ कि उनकी इमेज ही रोमांटिक हीरो की बन गई थी।

डेब्यू के बाद नहीं चमकी किस्मत

विजय अरोड़ा को जो सफलता पहले ही फिल्म से मिली थी लगा था कि वह इंडस्ट्री पर कई साल राज करेंगे। उनके फिल्म में भी खूब ऑफर हुई कई एक्ट्रेसेस सॉन्ग उन्होंने काम भी किया लेकिन कभी फिल्मी दुनिया में सुपरस्टार वाला दर्ज नहीं मिला। अपने करियर में विजय अरोड़ा ने कुल 110 फिल्मों में काम किया लेकिन जो सफलता उन्हें पहली फिल्म से मिली दोबारा कभी नहीं मिली और वह इंडस्ट्री में सिक्का जमाने में कामयाब नहीं हो पाए।

अपने करियर में विजय अरोड़ा ने कुल 110 फिल्मों में काम किया लेकिन जो सफलता उन्हें पहली फिल्म से मिली दोबारा कभी नहीं मिली[Wikimedia Commons]

रामायण से मिली थी पहचान

बॉलीवुड में इतनी मेहनत करने के बाद भी विजय अरोड़ा को जब नाम शोहरत फिल्म नहीं मिला तो वह काफी निराश और हताश हो गए थे। लगातार कई फिल्मों में काम करने के बाद भी उनका संघर्ष जारी रहा था करियर की पहली फिल्म के बाद उन्हें दोबारा घर-घर पहचान हीरो बनकर नहीं बल्कि 1987 में आई रामानंद सागर की रामायण में रावण के बेटे मेघनाथ का किरदार निभा कर मिला। फिल्मों में काम करने के बाद उन्होंने काफी समय तक छोटे पर्दे पर भी काम किया इसके बाद कैंसर जैसी बीमारी के चपेट में आ गए और काफी तकलीफें झेलने के बाद साल 2007 में उनका निधन हो गया।

रामानंद सागर की रामायण में रावण के बेटे मेघनाथ का किरदार निभा कर मिला। [Wikimedia Commons]

कौन से गाने से हुए थे फेमस

बता दे की साल 1973 में जीनत अमान के साथ फिल्म यादों की बारात के गाने चुरा लिया है तुमने जो दिल को से वह इतना पॉप्युलर हो गए थे कि उनके आगे फिल्मों की लाइन लग गई थी। इस फिल्म के बाद उन्हें कई बड़ी फिल्मों के ऑफर्स भी मिले लेकिन उनके स्टारडम एक फिल्म में ही सीमित कर रह गया था इतना काम करने के बाद भी वह कभी अपना सिक्का इंडस्ट्री में नहीं जमा पाए थे।

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