Leprosy Disease - यदि कोई गंभीर बीमारी का इलाज करवाने में हम लापरवाही करते है तो हमे इसका बुरा परिणाम झेलना पड़ता है कन्नौज के स्वास्थ्य विभाग द्वारा 15 दिनों का एक विशेष अभियान चलाया जाएगा। जिसमें लोगों को नि:शुल्क जांच और इलाज मुहैया कराया जाएगा। यह देखने में बहुत साधारण सी लगती है, लेकिन यदि इसका इलाज समय रहते नही किया जाए तो यह विकलांगता जैसी गहरी समस्या पैदा कर सकती है। ऐसे में इस गंभीर बीमारी से पीड़ित मरीज बिल्कुल भी लापरवाही न बरतें और समय रहते इसका इलाज शुरू कर दें।
कुष्ठ रोग, जो माइकोबैक्टीरियम लेप्राई ( एम. लेप्री ) बैक्टीरिया के कारण होता है। यह हाथों और पैरों की त्वचा और नसों के साथ-साथ आंखों और नाक की परत को भी प्रभावित कर सकता है। यह बीमारी अन्य अंगों को भी प्रभावित कर सकता है, जैसे पुरुषों में गुर्दे और अंडकोष। यदि उपचार न किया जाए, तो कुष्ठ रोग हाथ और पैरों , अंधापन और गुर्दे की विफलता का कारण बन सकता है।
ये कुछ मुख्य लक्षण कुष्ठ रोग के लक्षणों में शामिल हो सकते हैं -
(1) पीली (हाइपोपिगमेंटेड) या लाल त्वचा के पैच में संवेदना का निश्चित नुकसान।
(2) परिधीय तंत्रिका का मोटा या बड़ा होना, संवेदना की हानि और/या उस तंत्रिका द्वारा आपूर्ति की गई मांसपेशियों की कमजोरी के साथ।
(3) स्लिट-स्किन स्मीयर में बेसिली का सूक्ष्मदर्शी पता लगाना।
डॉक्टरों का मानना है कि कुष्ठ रोग एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति में फैल सकता है। ऐसा संक्रमित लोगों के खांसने या छींकने पर हवा में आने वाली बूंदों के सांस लेने से होता है। अधिकांश लोग जो एम. लेप्री के संपर्क में आते हैं उनमें कुष्ठ रोग विकसित नहीं होता है। कन्नौज का यह अभियान बहुत से लोगों के लिए बहुत मददगार साबित होगा।
कुष्ट रोग के निवारण के लिए यह अभियान के तहत कन्नौज स्वास्थ्य विभाग की तरफ से आगामी 21 दिसंबर से लेकर 4 जनवरी 2024 तक यह विशेष अभियान चलाया जाएगा। इसमें कुल 1955 टीम में रहेंगे, जिसमें सुपरवाइजर 91 बनाए गए हैं। कन्नौज की करीब 19 लाख 25995 पापुलेशन में यह टीम जाकर घर-घर ऐसे रोगियों से मिलेंगे और उनके इलाज करने में मदद करेंगे।