National Princess Day 2022
National Princess Day 2022 Wikimedia
विशेष दिन

National Princess Day 2022: जानिए क्यों खास है यह दिन

न्यूज़ग्राम डेस्क, Poornima Tyagi

हर लड़की का सपना होता है कि वह एक राजकुमारी (Princess) बने और यह सपना सच हो यह भी एक सपने जैसा होता है। यदि आप वास्तव में चाहते हैं कि आपके साथ राजकुमारी जैसा व्यवहार किया जाए तो इसके लिए आपको एक ही विषय पर काम करना होगा। आपको अपनी मां, बहन या दोस्त को राजकुमारी दिवस के बारे में बताना होगा। यकीनन उन्हें यह सुनकर हंसी आएगी और आपको अलग-अलग हाव भाव देखने को मिलेंगे। अगर आप उनसे आग्रह करते है कि इस दिवस को आपके साथ मनाएं तो वह अवश्य ही मान जाएंगे। तो चलिए आज के इस लेख में हम आपको बताते हैं कि राजकुमारी दिवस क्यों मनाया जाता है।

18 नवंबर को एक नाटक रिलीज किया गया था जो बॉक्स ऑफिस (Box office) पर ज्यादा हिट नहीं हो सका। हालांकि दर्शकों ने उसे काफी पसंद किया लेकिन रचनाकार जितने बेहतर परिणाम की उम्मीद कर रहे थे उन्हें उतना अच्छा परिणाम नहीं मिला। इसके बाद साल 2017 में 18 नवंबर को मूल फिल्म रिलीज की गई और उसी दिन से 18 नवंबर को राजकुमारी दिवस (Princess Day) के रूप में मनाया जाने लगा। यह अवकाश स्वान प्रिंसेस द्वारा बनाया गया था।

फिल्मों, एनिमेशन फिल्म, कार्टून और अन्य हॉलीवुड फिल्मों के अनुसार राजकुमारी की जिंदगी बहुत ही सुंदर होती है। और कुछ काल्पनिक राजकुमारी तो लोगों को इतनी पसंद आई है कि उनके स्टाइल को कॉपी करने की कोशिश की गई जैसे कि उनकी ड्रेस, हेयरस्टाइल, एक्सेसरीज और बहुत कुछ।

काल्पनिक राजकुमारी की कुछ खास बात हुआ करती है:

• डिजनी (Disney) की सबसे छोटी राजकुमारी स्नो वाइट (Snow white) है।

• टिआना (Tiana) और सिंड्रेला (Cindrella) सबसे पुरानी राजकुमारी में शामिल है।

• डिजनी कार्टून में सभी प्रिंसेस नीले रंग की ड्रेस की पहनती थी।

स्नो वाइट (Snow white)

वही बात अगर दुनिया की असली राजकुमारी के बारे में की जाए तो ग्रेस केली एकमात्र ऐसी राजकुमारी थी जिन्होंने ऑस्कर (Oscar) जीता था। उन्होंने यह पुरस्कार द कंट्री गर्ल (The Country Girl) फिल्म में निभाई गई अपनी भूमिका के लिए जीता। उन्होंने 1956 में मोनाको के प्रिंस रेनियर से शादी की और राजकुमारी बन गई।

1236 में दिल्ली (Delhi) की सल्तनत में आने वाली रजिया सुल्ताना (Razia Sultana) एक मुस्लिम राजकुमारी थी। वह अपनी करुणा भरे व्यवहार और प्रजा के कल्याण में रुचि लेने के लिए जानी जाती थी। 1240 ने उनके सौतेले भाई ने सिंहासन पर कब्जा कर लिया उनके खिलाफ लड़ाई लड़ते हुए वह मारी गई।

(PT)

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