गजानन माधव मुक्तिबोध और उनकी पत्नी Wikimedia
राष्ट्रीय

गजानन माधव मुक्तिबोध जन्मदिन विशेष

कवी गजानन माधव मुक्तिबोध का जन्म 13 नवंबर 1917 को मध्यप्रदेश के ग्वालियर जनपद के श्योपुर (शिवपुरी) नामक कसबे में हुआ

Author : न्यूज़ग्राम डेस्क, Ritu Singh

प्रगतिशील काव्यधारा और समकालीन विचारधारा के अत्यंत प्रासंगिक कवि गजानन माधव मुक्तिबोध (Gajanan Madhav Muktibodh) का जन्म 13 नवंबर 1917 को मध्यप्रदेश (Madhya Pradesh) के ग्वालियर जनपद के श्योपुर (शिवपुरी) नामक कसबे में हुआ था।  मुक्तिबोध नयी कविता के प्रमुख कवि माने जाते है। उन्हें प्रगतिशील कविता (Poem) और नयी कविता के बीच का सेतु भी माना जाता है।

मुक्तिबोध की कविता पहली बार 1943 में अज्ञेय द्वारा संपादित तारसप्तक में प्रकाशित  हुई थी। उनकी रचनाओं में मार्क्सवादी (Marxist) विचारधारा का स्पष्ट प्रभाव देखने को मिलता है। वह अपनी रचनाओं के माध्यम से ऐसे सजग समाज को रचना चाहते थे जिसमे समाज के हाशिये पर खड़े लोगो की भी भागीदारी हो और जहा सभी को समानता का अधिकार हो। उनकी महत्वपूर्ण रचनाओं में काव्य संग्रह 'भूरी-भूरी खाल धूल' और 'चाँद का मुँह टेढ़ा' शामिल है। इसी के साथ 'अँधेरे में' और 'ब्रह्मराक्षस' उनकी महत्वपूर्ण रचनाए है। सन 1962 में उनकी पाठ्य पुस्तक ‘भारत: इतिहास और संस्कृति’ को सरकार ने प्रतिबंधित कर दिया था जिससे उनके मैं को बेहद आघात पहुंचा।

किताब और कलम (सांकेतिक चित्र)

"तुम्हारी प्रेरणाओं से मेरी 

प्रेरणा इतनी भिन्न है 

की जो तुम्हारे लिए विष है,

मेरे लिए अन्न है"

- गजानन माधव मुक्तिबोध


अपनी 47 साल की आयु में उन्होंने ज़िन्दगी का जो रूप देखा वह उनकी रचनाओं में साफ़ प्रकट होता है। 

‘ब्रह्मराक्षस’ के माध्यम से उन्होंने बुद्धिजीवी वर्ग के द्वंद्व और अलगाव की व्‍यथा का मार्मिक चित्रण किया है। ‘अंधेरे में’ कविता के माध्यम से मुक्तिबोध खास वर्ग का सत्ता के साथ गठजोड़, सत्ताधारी लोगों द्वारा आम लोगों का दमन जैसी बातें साफ दिखालाई देती हैं।

17 फरवरी 1964 को मुक्तिबोध को पक्षाघात (paralysis) ने घेर लिया और 11 सितंबर 1964 को अचेतावस्था में उनका देहांत हुआ। मृत्यु से पहले तक वह अपने निवास स्थान पर ही रहे। इस जगह अब ‘मुक्तिबोध स्मारक बना दिया गया है। 


“ज़िंदगी में जो कुछ है, जो भी है 

सहर्ष स्वीकारा है; 

इसलिए कि जो कुछ भी मेरा है 

वह तुम्हें प्यारा है। “

- गजानन माधव मुक्तिबोध


(RS)

बिग बॉस 19 की ट्रॉफी जीतने के बाद गौरव खन्ना ने बताया शो करने का कारण, प्रणीत मोरे के बारे में कही बड़ी बात

नागालैंड: अंगामी ट्राइब के कार्यक्रम में सिंधिया का अनोखा अंदाज, पारंपरिक धुनों पर डांस करते नजर आए

7 दिसंबर का इतिहास: कश्मीर में हिंसा से लेकर सशस्त्र सेना झंडा दिवस तक जानें क्या है ख़ास!

केबीसी में पहुंची भारतीय महिला क्रिकेट टीम, स्नेह राणा ने अमिताभ से की खास अपील

नोएडा : शेयर मार्केट में निवेश के नाम पर करोड़ों की ठगी के आरोप में 4 गिरफ्तार