राष्ट्रीय

‘माटी पूजन दिवस’ से बढ़ेगी अपने मिट्टी के प्रति जागरुकता

NewsGram Desk

छत्तीसगढ़ (Chhattisgarh) में आम जन का मिट्टी या यूं कहें धरती से अपनेपन का नाता और मजबूत करने के मकसद से तीन मई अक्षय तृतीया (Akshay Tritiya) के पर्व के मौके पर 'माटी पूजन दिवस' (Mati Poojan Diwas) मनाया जा रहा है। राज्य में अक्षय तृतीया के मौके पर होने वाले माटी पूजन दिवस पर ग्राम पंचायत स्तर तक कार्यक्रम होंगे। इन कार्यक्रमों में जिलों के प्रभारी मंत्री, विधायक, त्रि-स्तरीय पंचायतों के सम्मानित जनप्रतिनिधिगण सहित कृषकों एवं नागरिकों को विशेष रूप से मौजूद रहेंगे। इस कार्यक्रम में धरती माता की रक्षा हेतु शपथ ली जाएगी एवं मुख्यमंत्री के संदेश का वाचन होगा।

अन्य समितियां भी माटी दिवस में शामिल होंगी [सांकेतिक, Wikimedia Commons]
अन्य समितियां भी माटी दिवस में शामिल होंगी [सांकेतिक, Wikimedia Commons]

कृषि उत्पादन आयुक्त डॉ. कमलप्रीत सिंह न सभी संभाग आयुक्तों एवं कलेक्टरों को पत्र में कहा है कि माटी पूजन दिवस का उद्देश्य मिट्टी की उर्वरा शक्ति के पुनर्जीवन हेतु रासायनिक खादों एवं कीटनाशकों के स्थान पर वर्मी कम्पोस्ट खाद के उपयोग के साथ गौ-मूत्र एवं अन्य जैविक पदार्थों के उपयोग को बड़े पैमाने पर बढ़ावा देना है।

उन्होंने कहा है कि माटी पूजन अभियान के तहत प्राकृतिक खेती के प्रति किसानों एवं जनमानस की भागीदारी को बढ़ावा दिया जाएगा। इसके अंतर्गत विभिन्न गतिविधियों में रासायनिक खादों एवं कीटनाशकों के स्थान पर वर्मी कम्पोस्ट, गौमूत्र एवं जैविक खादों के उपयोग को प्रोत्साहित करने के साथ ही रासायनिक खेती से होने वाले नुकसान के प्रति किसानों को जागरूक करने एवं मानव-पशु आहार को हानिकारक रसायनों से मुक्त करना हैं।

माटी पूजन दिवस कार्यक्रम में जिलों में वर्मी कम्पोस्ट के कार्य से जुड़े स्वसहायता समूह एवं गौठान समितियों के सदस्यगण, समान गतिविधियों को संचालित कर रहे गैर सरकारी संगठनो एवं समाजिक समूहों, प्रगतिशील जैविक खेती करने वाले कृषकों की खास तौर पर हिस्सेदारी रहेगी। साथ ही विद्यालय एवं महाविद्यालय के छात्र-छात्राओ, स्थानीय-जन प्रतिनिधियों एवं आमजन को इससे जोड़ा जाएगा।

आईएएनएस (PS)

कहावतों में सुनते आ रहे हैं “तीस मार खान”, जानिए असल में कौन हैं ये?

चुनाव आयोग ने तेलंगाना राज्य में बदल दिया मतदान का समय, अब कड़ी धूप से बच सकेंगे मतदाता

रहस्यों से भरा है केदारेश्‍वर गुफा मंदिर, केवल एक स्तंभ पर है खड़ा

मई में कब है मोहिनी एकादशी? इस दिन व्रत रखने से सदा बनी रहती है श्री हरि की कृपा

ताजमहल को चमकाने में लग जाते हैं करोड़ों रुपए, एक खास तरीका का किया जाता है इस्तेमाल