- सौम्या जैन
Election commission - लोकसेना हिंद ने गुरुवार को राज्यसभा में केंद्रीय कानून मंत्री अर्जुन राम मेघवाल द्वारा पेश किए गए मुख्य चुनाव आयुक्त और अन्य चुनाव आयुक्त विधेयक, 2023 का विरोध किया। बिल में चयन समिति में सीजेआई (CJI) की जगह प्रधान मंत्री द्वारा नियुक्त केंद्रीय मंत्री को शामिल करने का प्रस्ताव है।
यह कदम इस साल मार्च में सुप्रीम कोर्ट के पैनल द्वारा यह कहे जाने के बाद आया है कि राष्ट्रपति को भारत के मुख्य न्यायाधीश (CJI), प्रधान मंत्री और विपक्ष के नेता से बनी समिति से नामांकन के आधार पर चुनाव आयुक्तों का चयन करना चाहिए। बिल के अनुसार, मुख्य चुनाव आयुक्त और अन्य चुनाव आयुक्तों की नियुक्ति राष्ट्रपति द्वारा एक चयन समिति की सिफारिश पर की जाएगी जिसमें शामिल होंगे- प्रधान मंत्री, लोकसभा में विपक्ष के नेता और प्रधान मंत्री द्वारा नामित एक केंद्रीय कैबिनेट मंत्री।
लोकसेना हिंद के अनुसार यह बिल न केवल संवैधानिक ढांचे को खतरे में डालता है, बल्कि सत्ता के केंद्रीकरण की दिशा में चिंताजनक बदलाव का भी संकेत देता है।
लोकसेना हिंद पार्टी के अध्यक्ष डॉ. मुनीश रायज़ादा ने बिल पर टिप्पणी करते हुए कहा कि भाजपा इसका उपयोग भारत के चुनाव आयोग को "मोदी चुनाव आयोग" में बदलने के लिए करना चाहती है। उन्होंने इस कार्रवाई की निंदा करते हुए इसे भारत के लोकतंत्र पर खुला हमला और ECI की संवैधानिक स्वतंत्रता को खत्म करना बताया और इसे भारतीय लोकतंत्र के लिए "काला दिन" कहा।
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