झारखंड के सबसे बड़े मेडिकल कॉलेज रिम्स(RIMS) के एडमिनिस्ट्रेशन ने स्टूडेंट्स के बीच मारपीट और हंगामे की वजह से कॉलेज को अनिश्चित काल के लिए बंद कर दिया। (Image: Wikimedia Commons) 
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रिम्स में स्टूडेंट्स का बवाल, कॉलेज अनिश्चित काल के लिए बंद

झारखंड के सबसे बड़े मेडिकल कॉलेज रिम्स (राजेंद्र इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज) के एडमिनिस्ट्रेशन ने स्टूडेंट्स के बीच मारपीट और हंगामे की वजह से कॉलेज को अनिश्चित काल के लिए बंद कर दिया है। कॉलेज के हॉस्टल में रह रहे सभी स्टूडेंट्स को आज यानी गुरुवार शाम तक हॉस्टल खाली करने का भी आदेश दिया गया है। अनुशासनहीनता और हंगामे के आरोप में 29 स्टूडेंट्स को चिह्नित करते हुए उन्हें और उनके अभिभावकों को नोटिस जारी किया गया है।

न्यूज़ग्राम डेस्क

 झारखंड के सबसे बड़े मेडिकल कॉलेज रिम्स(RIMS) (राजेंद्र इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज) के एडमिनिस्ट्रेशन ने स्टूडेंट्स के बीच मारपीट और हंगामे की वजह से कॉलेज को अनिश्चित काल के लिए बंद कर दिया है। कॉलेज के हॉस्टल में रह रहे सभी स्टूडेंट्स को आज यानी गुरुवार शाम तक हॉस्टल खाली करने का भी आदेश दिया गया है। अनुशासनहीनता और हंगामे के आरोप में 29 स्टूडेंट्स को चिह्नित करते हुए उन्हें और उनके अभिभावकों को नोटिस जारी किया गया है।

छात्रों के बीच मारपीट और हंगामे की यह घटना हॉस्टल एरिया में सात जुलाई को ही हुई थी। इसके बाद से तनावपूर्ण स्थिति बनी हुई थी। घटना संज्ञान में आने के बाद बीते कॉलेज एडमिनिस्ट्रेशन ने 29 छात्रों को नोटिस जारी किया था और उन्हें अपने अभिभावकों के साथ आने को कहा गया था। इस नोटिस के बाद बीते मंगलवार की रात नशे में धुत्त मेडिकल छात्रों के एक समूह ने रिम्स के डायरेक्टर के बंगले में पहुंचकर सुरक्षा गार्ड के साथ धक्कामुक्की और गाली-गलौज की। उस वक्त डायरेक्टर राजीव गुप्ता बंगले में ही मौजूद थे।

इस घटना के बाद बुधवार को डीन स्टूडेंट्स डॉ. शिव प्रिये की अध्यक्षता में सभी छात्रावासों के वार्डन की बैठक हुई, इसमें कॉलेज को बंद करने और हॉस्टल खाली कराने का निर्णय लिया गया। हॉस्टल में करीब 1500 छात्र-छात्राएं रहते हैं। डीन की ओर से जारी आदेश में कहा गया है कि 2019 से 2022 के सभी स्टूडेंट्स गुरुवार शाम तक हॉस्टल खाली कर देंगे। कॉलेज एडमिनिस्ट्रेशन ने तय किया है कि सभी स्टूडेंट्स को अपने अभिभावकों के साथ उपस्थित होकर अनुशासन के नियमों के पालन का शपथपत्र देना होगा। ऐसा न करने वाले स्टूडेंट्स को अगले एक वर्ष तक हॉस्टल में कमरा आवंटित नहीं किया जाएगा। उन्हें छह महीने तक एकेडमिक एक्टिविटिज में भी भाग लेने की इजाजत नहीं होगी। (IANS/AK)

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