सावन का यह माह धार्मिक दृष्टि से बहुत खास माना जाता है। (Pixabay)  
धर्म

सावन माह में भूलकर न करें ये काम

ऐसा कहा जाता है कि जो सावन के महीने में भगवान शिव (Shiv) की पूजा करता है उसके जीवन से सभी बाधाएं दूर हो जाती हैं।

न्यूज़ग्राम डेस्क, Poornima Tyagi

न्यूज़ग्राम हिंदी: 4 जुलाई मंगलवार से शुरू होने वाले सावन (Sawan) के पर्व का समापन 31 अगस्त गुरुवार को होगा। इस बार सावन 2 महीने का होगा। यह दुर्लभ सहयोग बहुत वक्त बाद बन रहा है। इस माह में शिव की पूजा का एक विशेष महत्व माना जाता है। ऐसा कहा जाता है कि जो सावन के महीने में भगवान शिव (Shiv) की पूजा करता है उसके जीवन से सभी बाधाएं दूर हो जाती हैं। लेकिन कुछ कार्य ऐसे भी जिन्हें सावन के माह में भूलकर भी नहीं करना चाहिए। आज के इसलिए लेख में हम आपको उन्हीं कार्यों के बारे में बताएंगे।

• इस माह में बैंगन नहीं खाने चाहिए क्योंकि बैंगन को एक अशुद्ध सब्जी माना जाता है। यही कारण है कि लोग द्वादशी और चतुर्दशी पर भी बैंगन खाने से बचते हैं।

• सावन के माह में खाने को लेकर विशेष सावधानी बरतनी चाहिए। इस महीने में मांस मछली और मदिरापान का सेवन नहीं करना चाहिए।

• यदि आप सावन के महीने में दूध से शिवलिंग का अभिषेक करते है तो यह बहुत शुभ माना जाता है।

दूध से शिवलिंग का अभिषेक (Wikimedia Commons)

• सावन के इस पवित्र माह में भूलकर भी किसी का अपमान ना करें। बुरे विचारों को अपने मन में ना आने दे किसी के लिए भी बुरा ना सोचें।

• हो सके तो सावन माह में दिन के वक्त ना सोएं।

• भगवान शिव को केतकी (Ketki) का फूल अर्पित ना करें।

शिव भक्तों के लिए सावन माह एक त्योहार होता है। लोग दूर-दूर से सावन के माह में हर की पौड़ी हरिद्वार (Har ki Pauri, Haridwar) आते हैं। कई लोग तो बहुत सी मन्नते मांग कर पैदल ही कोसों दूर शिव का आशीर्वाद लेने आते हैं। सावन के माह में कावड़ियों की चहल-पहल से पूरे देश में रौनक बनी रहती है।

भगवान जगन्नाथ का रथ खींचती हैं जो रस्सियाँ, उनके पीछे छिपा है एक आदिवासी समाज!

मोहम्मद शमी को कोर्ट से बड़ा झटका : पत्नी-बेटी को हर महीने देने होंगे 4 लाख रुपये !

जिसे घरों में काम करना पड़ा, आज उसकी कला को दुनिया सलाम करती है – कहानी दुलारी देवी की

सफलता की दौड़ या साइलेंट स्ट्रगल? कोरिया में डिप्रेशन की असली वजह

जहां धरती के नीचे है खजाना, वहां ऊपर क्यों है गरीबी का राज? झारखंड की अनकही कहानी