वैदिक शहर के रूप में सँवरेगा नैमिष धाम  Naimisharanya Kshetra (IANS)
धर्म

वैदिक शहर के रूप में संवरेगा नैमिष धाम

नैमिषारण्य के सभी कुंडों में स्वच्छ जल की उपलब्धता, चक्रतीर्थ के जीर्णोद्धार, दधीचि कुंड और मां ललिता देवी मंदिर के सुंदरीकरण को लेकर सीएम योगी ने खास निर्देश दिए हैं।

Prashant Singh

हमने पुराणों में अक्सर नैमिषारण्य की व्याख्या सुनी है। यह वही तीर्थ है जहां अनेकानेक पुराण प्रतिपादित कीये गए। वैदिक शहर के रूप में अब योगी सरकार इसे भी सँवारेंगे। काशी, अयोध्या और मथुरा की तर्ज पर ही अब नैमिष धाम को भी आध्यात्मिक और धार्मिक पर्यटन के रूप में वैश्विक स्तर पर विकसित किया जाएगा। नैमिषारण्य तीर्थ तक पहुंचने के लिए जल्दी ही लखनऊ को सीतापुर से इलेक्ट्रिक बस और हेलिकॉप्टर सेवाओं द्वारा जोड़ा जाएगा। isइस संबंध में अधिकारियों को निर्देश दिए जा चुके हैं।

नैमिषारण्य तीर्थ को विकसित करने के लिए यह कार्य योजना चार चरणों में पूरी होगी। पहले चरण में चक्र तीर्थ, मां ललिता देवी मंदिर, दधिचि कुंड और सीता कुंड का विकास किया जाएगा। दूसरे चरण में दधिचि कुंड, रुद्रावर्त महादेव, देवदेश्वर मंदिर और काशी कुंड को विकसित किया जाएगा। इससे इतर शहरी और क्षेत्रीय विकास के लिए भी एक अलग कार्य योजना बनाई गई है।

नैमिषारण्य के सभी कुंडों में स्वच्छ जल की उपलब्धता, चक्रतीर्थ के जीर्णोद्धार, दधीचि कुंड और मां ललिता देवी मंदिर के सुंदरीकरण को लेकर सीएम योगी ने खास निर्देश दिए हैं। नैमिषधाम के 5, 14 और 84 कोसी परिक्रमा पथ के विकास के साथ ही मिश्रिख नगर पालिका के सीमा का विस्तार भी किया जाएगा।

पर्यटन विकास और सुंदरीकरण के कार्यों के लिए आवश्यकतानुसार भूमि अधिग्रहण करने और सुविधाजनक यात्री निवास, प्रकाश व्यवस्था, पार्किंग सुविधा और सुरक्षा के पर्याप्त इंतज़ाम रखने के लिए योगी आदित्यनाथ ने पर्यटन, नगर विकास, पीडब्ल्यूडी और सिंचाई विभाग मिलकर ठोस कार्य योजना तैयार करने का निर्देश दिया है। पर्यटन को केंद्रित करते हुए सुविधाजनक पर्यटन पैकेज भी तैयार कीए जाएंगे।

बता दें कि नैमिषारण्य तीर्थ सनातन धर्म के करोड़ों लोगों के लिए आस्था का केंद्र है, जहां 88,000 ऋषियों की तपोस्थली बनी हुई है। मां ललिता देवी मंदिर, चक्रतीर्थ, व्यास गद्दी, सूत गद्दी, हनुमान गढ़ी सहित कई पौराणिक और आध्यात्मिक दर्शनीय स्थलों से भरपूर नैमिषारण्य पर्यटकों को अवश्य ही आकर्षित करेगी। प्रत्येक मास की पूर्णिमा, अमावस्या, नवरात्र और फाल्गुन में चौरासी कोसी परिक्रमा के लिए लाखों श्रद्धालु यहाँ आते हैं।

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