गोवा क्रांति दिवस का इतिहास (IANS) 
गोवा

गोवा क्रांति दिवस का इतिहास पाठयपुस्तक में शामिल होगा: सीएम सावंत

राज्यपाल पीएस श्रीधरन पिल्लई ने कहा कि स्वतंत्रता केवल राजनीति तक ही सीमित नहीं है बल्कि सामाजिक और आर्थिक स्वतंत्रता भी है।

न्यूज़ग्राम डेस्क

न्यूजग्राम हिंदी: गोवा (Goa) के मुख्यमंत्री प्रमोद सावंत (Pramod Sawant) ने रविवार को ऐलान किया कि गोवा क्रांति दिवस/Goa Revolution Day (18 जून 1946) का इतिहास अगले शैक्षणिक वर्ष से 11वीं कक्षा की इतिहास (History) की पाठ्यपुस्तक में शामिल किया जाएगा। सीएम सावंत ने आजाद मैदान पंजिम (Azad Maidan Panaji) में शहीद स्मारक पर गोवा क्रांति दिवस के राज्य स्तरीय समारोह में यह बात कही।

सीएम ने गोवा क्रांति दिवस के अवसर पर बधाई देते हुए कहा, 18 जून 1946 को डॉ. राम मनोहर लोहिया (Dr. Ram Manohar Lohia) और डॉ. जुलियाओ मेनेजेस ने पुर्तगाली शासकों द्वारा उत्पीड़न का विरोध करने की पहल की और गोवा के लोगों ने पुर्तगालियों से अपनी मातृभूमि वापस लेने के लिए जन क्रांति शुरू की।

मुख्यमंत्री ने कहा, गोवा क्रांति दिवस का इतिहास पहले से ही कक्षा चार की गोमांतक भाल भारतीय पाठ्यपुस्तक के पाठ्यक्रम में शामिल है। हालांकि, इस इतिहास को अगले शैक्षणिक वर्ष से कक्षा 11 की इतिहास की किताब (पाठ्यपुस्तक) में भी शामिल किया जाएगा।

सीएम सावंत ने कहा कि डेढ़ माह के भीतर स्वतंत्रता सेनानियों की लंबित पेंशन पर तत्काल कार्रवाई की जाएगी। राज्यपाल पीएस श्रीधरन पिल्लई ने कहा कि स्वतंत्रता केवल राजनीति तक ही सीमित नहीं है बल्कि सामाजिक और आर्थिक स्वतंत्रता भी है।

ऊपरी पर्दे से गोवा (Wikimedia Commons)

उन्होंने कहा, हम गर्व से कह सकते हैं कि हमारी प्रणाली दिन-ब-दिन विकसित हो रही है और हमारे भारतीय संविधान (Indian Constitution) को दुनिया के सर्वश्रेष्ठ संविधानों में से एक के रूप में स्वीकार किया जाता है।

पिल्लई ने पुर्तगाली शासन के खिलाफ लड़ने वाले डॉ. राम मनोहर लोहिया और डॉ. जुलियाओ मेनेजेस के योगदान को भी याद किया और कहा कि उनके योगदान का लाभ नई जनरेशन को मिलना चाहिए।

--आईएएनएस/PT

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