<div class="paragraphs"><p>मध्य प्रदेश पर्यटन निगम ने सभी इकाइयों को वेज और नॉन वेज किचन अलग-अलग बनाने&nbsp;के&nbsp;निर्देश&nbsp;दिए</p><p>(Wikimedia commons)</p></div>

मध्य प्रदेश पर्यटन निगम ने सभी इकाइयों को वेज और नॉन वेज किचन अलग-अलग बनाने के निर्देश दिए

(Wikimedia commons)

 

धार्मिक न्यास एवं धर्मस्व मंत्री उषा ठाकुर

मध्‍य प्रदेश

मध्य प्रदेश पर्यटन निगम ने सभी इकाइयों को वेज और नॉन वेज किचन अलग-अलग बनाने के निर्देश दिए

न्यूज़ग्राम डेस्क

न्यूजग्राम हिंदी: मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) घूमने आने वाले शाकाहारी पर्यटकों के लिए यह अच्छी खबर है, क्योंकि अब यहां के पर्यटन विकास निगम के होटलों में शाकाहारी (Vegetarian) और मांसाहारी (Non-Vegetarian) भोजन निर्माण की अलग-अलग किचन होगी। राज्य के एमपीटी के होटलों में शाकाहार के साथ मांसाहार और शराब के शौकीनों के लिए बार होता है, इतना ही नहीं दोनों तरह के भोजन निर्माण के लिए एक ही किचन का इस्तेमाल किया जाता है। इसके चलते कई ऐसे पर्यटक भी होते हैं, जो सिर्फ शाकाहारी भोजन के लिए अलग किचन न होने के चलते वे इन होटलों में आना पसंद नहीं करते। इसको लेकर पिछले दिनों पूर्व सांसद रघुनंदन शर्मा ने पर्यटन मंत्री ठाकुर को पत्र लिखकर पर्यटन विकास निगम के होटलों में शाकाहार व मांसाहार की किचन को लेकर सवाल उठाए थे। इस पर विभाग ने बड़ा फैसला लिया है।

संस्कृति, पर्यटन और धार्मिक न्यास एवं धर्मस्व मंत्री उषा ठाकुर ने कहा है कि भोजन बनाने में स्वच्छता और सात्विकता का होना बहुत जरूरी है। भोजन सीधे तौर पर हमारे मन और स्वास्थ्य को प्रभावित करता है। इसी को ध्यान में रखते हुए मध्यप्रदेश पर्यटन निगम के सभी होटलों में शाकाहारी और मांसाहारी भोजन के किचन अलग-अलग रखने के निर्देश दिए हैं। निर्देशों का कड़ाई से पालन कराया जायेगा, जिससे सभी पर्यटकों को पौष्टिक और सात्विक भोजन परोसा जा सके।

भोजन बनाने में स्वच्छता और सात्विकता का होना बहुत जरूरी [Wikimedia Commons]

मंत्री ठाकुर के निर्देश पर पर्यटन निगम ने सभी इकाइयों के किचन में वेज एवं नानवेज भोजन बनाने की पृथक-पृथक सेक्शन रखने संबंधी आदेश जारी किये हैं। साथ ही एफएसएसआई के मानक अनुसार फ्रीज, डीप-फ्रीज, चाकू, चॉपिंग बोर्ड आदि भी पृथक-पृथक रखे जायेंगे।

--आईएएनएस/PT

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