न्यूज़ग्राम हिंदी: आंदोलनकारियों ने माली, कुशवाह, मौर्य समाज को 12 फीसदी आरक्षण देने की मांग को लेकर बुधवार को लगातार छठे दिन भी जयपुर-आगरा राष्ट्रीय राजमार्ग-21 पर जाम लगाए रखा। प्रदर्शनकारी आत्महत्या करने वाले मोहन सिंह के लिए मुआवजे के साथ 12 प्रतिशत आरक्षण की मांग कर रहे हैं।
मंगलवार को फुले आरक्षण संघर्ष समिति के संयोजक मुरारी लाल सैनी ने अरोडा गांव पहुंचकर राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत से उनके आवास पर हुई वार्ता के बिंदु आंदोलनकारियों से साझा किए।
हालांकि सैनी ने कहा कि सरकार ने आरक्षण पर काम शुरू कर दिया है, लेकिन आंदोलनकारियों ने मंगलवार को आत्महत्या करने वाले सिंह के परिवार को एक करोड़ रुपये मुआवजा देने की मांग की।
उन्होंने परिवार के एक सदस्य को सरकारी नौकरी देने की भी मांग की।
आंदोलनकारियों ने कहा कि जब तक सरकार मुआवजे की घोषणा नहीं करती, वे राजमार्ग खाली नहीं करेंगे।
अरोडा के पास चाह गांव में मंगलवार को आंदोलनकारी मोहन सिंह (48) ने हाईवे के किनारे पेड़ से लटक कर आत्महत्या कर ली।
अब लोग मांग कर रहे हैं कि जब तक मोहन सिंह के परिवार को एक करोड़ रुपये नहीं दिए जाते, वे हाईवे जाम करते रहेंगे।
शव को भरतपुर के राय बहादुर मेमोरियल (आरबीएम) अस्पताल की मोर्चरी में रखवाया गया है।
आंदोलन के चलते 26 अप्रैल को दोपहर 12 बजे तक इंटरनेट सेवाएं बंद रहीं।
इसी मुद्दे को लेकर नदबई विधायक जोगिंदर सिंह अवाना बुधवार को धरना स्थल पर पहुंचे और सिंह के बेटे को 2 लाख रुपये देकर आर्थिक मदद की।
हाईवे 21 अप्रैल की रात से जाम है।
अधिकारियों ने कहा, "सरकार ने 12 फीसदी आरक्षण की बात पर काम शुरू कर दिया है। समाज के लोगों की जनगणना के आधार पर ही समाज के लोगों को आरक्षण दिया जाएगा।"
आईएएनएस/VS