बिहार में शराबबंदी कानून का पालन करवाने के लिए ALTF का गठन किया जाएगा। [pixabay] 
ब्लॉग

अब लगेगा शराब के काले कारोबार पर लगाम !

NewsGram Desk

बिहार (Bihar) के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार (Chief Minister Nitish Kumar) की सख्ती के बाद राज्य में शराबबंदी कानून का पालन करवाने को लेकर पुलिस और प्रोहिबिशन डिपार्टमेंट लगातार प्रयास कर रहे हैं। इस बीच, शराब (Liquor) के धंधे पर रोक लगाने के लिए जिलास्तर पर अब 'एंटी लिकर टास्क फोर्स' (ALTF) का गठन किया जाएगा। कहा जा रहा है कि इस टास्क फोर्स की जिम्मेदारी खासकर ग्रामीण इलाकों में होनेवाले शराब के अवैध कारोबार पर लगाम लगाने की होगी। बिहार के पुलिस महानिदेशक (Director General of Police) एस के सिंघल (SK Singhal) ने सभी जिलों में ऐसी टास्क फोर्स गठित करने के आदेश दिए हैं।

राज्य के एक वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक की मानें तो यह टास्क फोर्स जिला पुलिस के अधीन होगी जो बड़ी कार्रवाई करने में भी सक्षम होगी। उन्होंने कहा कि जिले में कम से कम पांच से छह ऐसी टास्क फोर्स गठन करने को कहा गया है जो ग्रामीण क्षेत्रों में शराब के धंधे पर लगाम लगा सके।

बताया गया कि इस टीम में होमगार्ड के जवानों के अलावा पुलिस बल के भी जवान होंगे, जिसका नेतृत्व इंस्पेक्टर स्तर के अधिकारी करेंगे। सूत्रों का कहना है कि यह फोर्स स्वतंत्र रूप से शराब के काले धंधे को रोकने की कार्रवाई करेगी।

उल्लेखनीय है कि जिलास्तर पर एक एंटी लिकर टास्क फोर्स (ALTF) काम कर रही है, लेकिन अब इसकी संख्या बढ़ाई जाएगी।

गौरतलब है कि पिछले महीने राज्य में कथित तौर पर शराब से हुई लोगों की मौत के बाद मुख्यमंत्री नीतीश कुमार शराबबंदी कानून का कड़ाई से पालन करवाने का निर्देष अधिकारियों को दिया है। इसके बाद से पुलिस और प्रोहिबिशन डिपार्टमेंट शराब के काले धंधों पर लगाम लगाने के प्रयास में जुटी है।

बता दें कि बिहार (Bihar) में किसी भी तरह की शराब बिक्री और सेवन पूरी तरह से बैन है। इस कानून को लेकर शुरू से ही राजनीति भी खूब होती रही है। (आईएएनएस)

Input: IANS ; Edited By: Manisha Singh

न्यूज़ग्राम के साथ Facebook, Twitter और Instagram पर भी जुड़ें!

कंट्रोवर्सी, अकेलापन और ठुकराहट के बाद, जब इस एक्ट्रेस ने लिखी ख़ुद की कहानी

बोनालु : आस्था, परंपरा और नारी शक्ति का भव्य उत्सव

कपड़े पर चित्र और होंठों पर गीत, ऐसी है ओडिशा और बंगाल की पट्टचित्र

बूढ़ों का देश बनता जा रहा है जापान, क्या बचा पाएगा अपना भविष्य?

कश्मीर की गलियों से लेकर प्रधानमंत्री के कंधों तक, कैसे बना कानी शॉल एक ग्लोबल ब्रांड?