आप सभी ने कभी ना कभी उत्तराखंड के बारे में जरूर सुना होगा। उत्तराखंड में नैनीताल (Nanital) और अल्मोड़ा (Almora) का जिक्र न हो तो ऐसा हो ही नही सकता। इन्हीं दो शहरों से जुड़ी एक प्रसिद्ध मिठाई (बाल मिठाई/Bal Mithai) के बारे में आज हम आपको बताएंगे और साथ ही साथ इसे बनाने की रेसिपी बताएंगे।
यह मिठाई पहाड़ी गाय और भैंस के दूध में खोया और अन्य चीजे मिलाकर बनाई जाती है।
बाल मिठाई का इतिहास (History of Bal Mithai)
इस बात का कोई पुख्ता सबूत तो नहीं मिला है लेकिन ऐसा कहा जाता है कि सबसे पहले बाल मिठाई नेपाल (Nepal) में भगवान सूर्य (Surya) देव को प्रसाद चढ़ाने के रूप में इस्तेमाल की जाती थी। यह बहुत विशेष अवसरों पर ही बनाई जाती थी। इसके बाद 1856 में हलवाई जोगा लाल शाह जी (Joga Lal Shah ji) ने अल्मोड़ा में इसे बनाने का काम शुरू किया वह अल्मोड़ा से ही थे।
यह मिठाई कुमाऊं स्थित नैनीताल और अल्मोड़ा की खास पहचान है। यह अपने बेहद लाजवाब स्वाद के लिए बहुत प्रसिद्ध है और पूरे नैनीताल जिले में ही बाल मिठाई बहुत अच्छी बनाई जाती है। यहां आने वाले पर्यटक और अन्य लोग बाल मिठाई खरीद कर अवश्य ले जाते हैं। नैनीताल में हर जगह छोटे-बड़े कस्बे आदि हर जगह यह बड़े लागत और लगन से बनाई जाती है।
• इस मिठाई को बनाने के लिए सबसे पहले आपको दूध चाहिए। क्योंकि यह इस मिठाई की सबसे महत्वपूर्ण सामग्री है।
• इस शुद्ध दूध से शुद्ध खोया तैयार किया जाता है।
• इस खोये को चीनी के साथ मिलाकर भून लीजिए। खोये का रंग गहरा भूरा होने तक भूनिए।
• ठंडा होने के बाद इसे छोटे-छोटे आयताकार टुकड़ों में काटिए।• अब इन टुकड़ों पर खसखस के दानों को चीनी में भिगोकर लगाएं। इन दानों से इसका स्वाद बेहद बढ़ जाएगा।
• और अब आपकी मिठाई बनकर तैयार है।
(PT)