जानिए इस खास मिठाई की रेसिपी, आप खुद को इसे बनाने से नहीं रोक पाएंगे (Wikimedia) बाल मिठाई
Zara Hat Ke

जानिए इस खास मिठाई की रेसिपी, आप खुद को इसे बनाने से नहीं रोक पाएंगे

बसे पहले बाल मिठाई नेपाल (Nepal) में भगवान सूर्य (Surya) देव को प्रसाद चढ़ाने के रूप में इस्तेमाल की जाती थी।

न्यूज़ग्राम डेस्क, Poornima Tyagi

आप सभी ने कभी ना कभी उत्तराखंड के बारे में जरूर सुना होगा। उत्तराखंड में नैनीताल (Nanital) और अल्मोड़ा (Almora) का जिक्र न हो तो ऐसा हो ही नही सकता। इन्हीं दो शहरों से जुड़ी एक प्रसिद्ध मिठाई (बाल मिठाई/Bal Mithai) के बारे में आज हम आपको बताएंगे और साथ ही साथ इसे बनाने की रेसिपी बताएंगे।

यह मिठाई पहाड़ी गाय और भैंस के दूध में खोया और अन्य चीजे मिलाकर बनाई जाती है।

बाल मिठाई का इतिहास (History of Bal Mithai)

इस बात का कोई पुख्ता सबूत तो नहीं मिला है लेकिन ऐसा कहा जाता है कि सबसे पहले बाल मिठाई नेपाल (Nepal) में भगवान सूर्य (Surya) देव को प्रसाद चढ़ाने के रूप में इस्तेमाल की जाती थी। यह बहुत विशेष अवसरों पर ही बनाई जाती थी। इसके बाद 1856 में हलवाई जोगा लाल शाह जी (Joga Lal Shah ji) ने अल्मोड़ा में इसे बनाने का काम शुरू किया वह अल्मोड़ा से ही थे।

यह मिठाई कुमाऊं स्थित नैनीताल और अल्मोड़ा की खास पहचान है। यह अपने बेहद लाजवाब स्वाद के लिए बहुत प्रसिद्ध है और पूरे नैनीताल जिले में ही बाल मिठाई बहुत अच्छी बनाई जाती है। यहां आने वाले पर्यटक और अन्य लोग बाल मिठाई खरीद कर अवश्य ले जाते हैं। नैनीताल में हर जगह छोटे-बड़े कस्बे आदि हर जगह यह बड़े लागत और लगन से बनाई जाती है।

इस मिठाई को बनाने की विधि

• इस मिठाई को बनाने के लिए सबसे पहले आपको दूध चाहिए। क्योंकि यह इस मिठाई की सबसे महत्वपूर्ण सामग्री है।

• इस शुद्ध दूध से शुद्ध खोया तैयार किया जाता है।

• इस खोये को चीनी के साथ मिलाकर भून लीजिए। खोये का रंग गहरा भूरा होने तक भूनिए।

• ठंडा होने के बाद इसे छोटे-छोटे आयताकार टुकड़ों में काटिए।• अब इन टुकड़ों पर खसखस के दानों को चीनी में भिगोकर लगाएं। इन दानों से इसका स्वाद बेहद बढ़ जाएगा।

• और अब आपकी मिठाई बनकर तैयार है।

(PT)

एक Sparrow Man की कहानी, जिनकी मेहनत से बचा हजारों गोरैयों का परिवार!

भगवान जगन्नाथ का रथ खींचती हैं जो रस्सियाँ, उनके पीछे छिपा है एक आदिवासी समाज!

मोहम्मद शमी को कोर्ट से बड़ा झटका : पत्नी-बेटी को हर महीने देने होंगे 4 लाख रुपये !

जिसे घरों में काम करना पड़ा, आज उसकी कला को दुनिया सलाम करती है – कहानी दुलारी देवी की

सफलता की दौड़ या साइलेंट स्ट्रगल? कोरिया में डिप्रेशन की असली वजह