न्यूजग्राम हिंदी: कर्नाटक (Karnataka) की एक महिला का पत्र सोशल मीडिया (Social Media) पर वायरल हो गया है। राष्ट्रपति (President) को लिखे इस पत्र में उसने लिखा है कि कैसे चिक्कमेंगलुरु जिले के एक तीर्थस्थल में सार्वजनिक शौचालय के अभाव में उसे सार्वजनिक रूप से शौच के लिए मजबूर होना पड़ा। श्रद्धालु जडेम्मा ने कन्नड़ भाषा में पत्र लिखकर अपनी आपबीती का विस्तार से वर्णन किया है।
उन्होंने राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू (Draupadi Murmu) से उन तीर्थस्थलों पर सार्वजनिक शौचालयों का निर्माण सुनिश्चित करने का आग्रह किया है, जहां लाखों लोग आते हैं। उन्होंने यह भी कहा कि राष्ट्रपति उन जैसी महिला के लिए प्रेरणा और विश्वास की प्रतीक हैं।
पत्र में लिखा है, पत्र का मुख्य उद्देश्य मुझ जैसी आम महिलाओं की पीड़ा को सामने लाना है।
उन्होंने लिखा, कुछ दिन पहले में बाबाबुदनगिरी दत्तापीठ, मुलैय्यानगिरी और सीतालैयाय्यानगिरी गई थी। ये सभी हिंदू तीर्थस्थल हैं। बाबाबुदनगिरी में मुझे नित्यकर्म की जरूरत महसूस हुई। मुझे सार्वजनिक शौचालय नहीं मिला। जरूरत को दबाते हुए, मैं मुल्लैयानगिरी पहाड़ी पर चढ़ गई। मैंने शौचालय की तलाश की लेकिन कोई फायदा नहीं हुआ।
बाद में मैं सीतालैयाय्यानगिरी पर चढ़ गई और सार्वजनिक शौचालय की तलाश की। हर पल जरूरत तेज होती जा रही थी। मैं इसे बर्दाश्त नहीं कर सकी और अपमान का घूंट पीते हुए मैंने सार्वजनिक स्थान पर लघुशंका निवारण किया।
हर दिन लोग अपने धर्म और देवताओं के लिए लड़ते हैं। लेकिन, शौचालय बनाने के प्रति उनकी लापरवाही दुर्भाग्यपूर्ण है। जब हमें नित्यकर्म की जरूरत महसूस होती है, तो हम भूल जाते हैं कि हम किस धर्म के हैं और इसका निवारण करते हैं। दुनिया में अगर कोई जगह है जिसका उपयोग सभी धर्मों के लोग सभी जगहों पर करते हैं तो वह शौचालय है।
'राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू (Wikimedia Commons)
आप भी मेरी तरह एक महिला हैं। लेकिन, आप सत्ता में होने के कारण मेरी जैसी समस्याओं का सामना नहीं करती हैं और आपके पास आपकी सेवा करने के लिए लोग हैं। लेकिन, शौचालय की अनुपलब्धता ने मुझ जैसी महिलाओं की गरिमा को गिरा दिया है। आप एक सामान्य महिला पर नित्यकर्म की जरूरत के दबाव को समझ सकती हैं।
महिलाएं महिलाओं के सामने आने वाली कठिनाइयों को जानती हैं। लाखों लोग जिन तीर्थ स्थलों पर जाते हैं वहां सार्वजनिक शौचालय (Public Toilet) का अभाव संविधान के अनुच्छेद 19 और 21 का उल्लंघन है। हम मंगल ग्रह पर पहुंच गए हैं लेकिन इन तीर्थ केंद्रों पर शौचालय नहीं बना सके। .
भारत दुनिया में मधुमेह की राजधानी (Capital Of Diabetes) है। वे सार्वजनिक शौचालयों पर अत्यधिक निर्भर हैं। यदि आप यहां शौचालय की सुविधा का निर्माण करते हैं तो कर्नाटक के लोग याद रखेंगे।
--आईएएनएस/PT