अधिकांश लोगों को 30 की उम्र से पहले ही बालों के झड़ने और सफेद होने की समस्या से गुजरनी पड़ रही है। (Wikimedia Commons) 
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"युवाओं में तेजी से बढ़ रही बालों की समस्याएँ: कारण और उपाय"

"धूम्रपान से सफेदी और झड़ने की समस्या का बढ़ता खतरा, अध्ययन ने खोजे नए जोखिम"

न्यूज़ग्राम डेस्क, Hrutik Tidke

युवाओं के बीच में बालों से संबंधित समस्याएँ तेजी से बढ़ रही हैं। धीरे-धीरे, कम उम्र में ही बालों के झड़ने और सफेद होने की समस्या सामान्य हो रही है। विशेषज्ञों का कहना है कि बालों की यह समस्याएँ कई कारणों के संयोजन से उत्पन्न हो सकती हैं, जैसे कि खराब जीवनशैली-आहार, और पर्यावरणिक परिस्थितियाँ। उन्होंने कहा कि सभी को दिनचर्या में बालों की सेहत के लिए प्रयास करना चाहिए।

आज युवा इस समस्या से खास तौर पर जूझ रहे हैं। कुछ अध्ययनों में पाया गया है कि हमारी गड़बड़ दिनचर्या किस तरह से हमारे बालों की सेहत को बुरी तरह से प्रभावित करते हैं। आइए आज हम उन्हीं में से कुछ कारणों को विस्तार से जानेंगे। यह लेख जागरूकता फैलाने के उद्देश्य से लिखा गया है।  

धूम्रपान से उत्पन्न होने वाले विषाक्त पदार्थ बालों की रूपरंगी को भी प्रभावित कर सकते हैं (Unplash)

धूम्रपान भी एक ऐसी आदत है जिसके कारण बालों की सफेदी में वृद्धि आ सकती है। इसके अलावा, धूम्रपान की अन्य संभावित खतरे भी हो सकते हैं। धूम्रपान वाले लोगों के बालों की बर्बादी तेजी से हो सकती है, क्योंकि यह मेलेनिन उत्पादन को नियंत्रित कर सकता है, जिससे बाल सफेद होने लगते हैं। धूम्रपान के धुएं में मौजूद विषाणुओं से शरीर के हार्मोनल स्तर को भी अस्तबल किया जा सकता है, जिससे बालों के रोमों को नुकसान हो सकता है और इससे सफेदी की समस्या हो सकती है।

तनाव बालों के रंग को भी प्रभावित कर सकता है (Unplash)

अत्यधिक तनाव भी एक बड़ी समस्या हो सकती है, क्योंकि यह बालों के स्वास्थ्य को बिगाड़ सकता है और उनके सफेद होने की प्रक्रिया को तेजी से बढ़ा सकता है। अध्ययन ने दिखाया कि तनाव बालों के रंग को भी प्रभावित कर सकता है और उनके रंग को बदल सकता है।

इन सभी कारणों से, यह स्पष्ट है कि अच्छे दिनचर्या और स्वस्थ जीवनशैली के माध्यम से हम अपने बालों की सेहत को सुरक्षित रख सकते हैं और सफेदी और झड़ने जैसी समस्याओं से बच सकते हैं।

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