जून 2023 पृथ्वी पर अब तक का सबसे गर्म महीना : रिपोर्ट।(Wikimedia Commons) 
पर्यावरण

जून 2023 पृथ्वी पर अब तक का सबसे गर्म महीना: रिपोर्ट

न्यूज़ग्राम डेस्क

शुक्रवार को अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी नासा(NASA) और नेशनल ओशनिक एंड एटमॉस्फेरिक एडमिनिस्ट्रेशन(NOAA) के जलवायु विश्लेषण में पृथ्वी पर जून 2023 को अब तक का सबसे गर्म महीना बताया है।

जून 2023 में औसत वैश्विक तापमान ने जून 2020 के पिछले रिकॉर्ड(Record) को तोड़ दिया। हालांकि (0.13 डिग्री सेल्सियस) अंतर काफी कम था।

जून में औसत वैश्विक सतह (भूमि और महासागर) का तापमान औसत से 1.05 डिग्री सेल्सियस अधिक था, रिकॉर्ड के अनुसार जून 2023 को पृथ्वी का सबसे गर्म महीना बताया गया। 

एनओएए विश्लेषण(NOAA Analysis) से पता चला है कि साल 2023 के सबसे गर्म 10 वर्षों में शुमार होने की लगभग 100 प्रतिशत संभावना है। वहीं, 97 प्रतिशत संभावना है कि यह शीर्ष पांच वर्षों में शामिल हो। नासा की रिपोर्ट(Report) से पता चलता है कि जून महीना अब तक का सबसे गर्म महीना था।

नासा(NASA) के एडमिनिस्ट्रेटर बिल नेल्सन(Bill Nelson) ने ट्विटर पर लिखा, "नासा के आंकड़ों से पता चलता है कि जून महीना अब तक का सबसे गर्म माह था। हमने प्रत्यक्ष रूप से इसके खराब प्रभाव को देखा है।"

एनओएए वैज्ञानिकों(NOAA Scientists) ने पाया कि लगातार तीसरे महीने वैश्विक महासागर की सतह का तापमान रिकॉर्ड ऊंचाई पर पहुंच गया क्योंकि मई में उभरी कमजोर अल नीनो स्थिति जून में भी मजबूत रही। इसके अलावा जून 2023 ने जलवायु रिकॉर्ड में किसी भी महीने के मुकाबले अपना उच्चतम स्‍तर बनाया।

2023 की पहली छमाही को अब तक के रिकॉर्ड में तीसरा सबसे गर्म वर्ष माना गया है, जिसमें वैश्विक तापमान 20वीं सदी के औसत 13.5 डिग्री सेल्सियस से 1.01 डिग्री सेल्सियस अधिक है।

वैश्विक स्तर पर, जून 2023 में सबसे कम समुद्री बर्फ कवरेज (सीमा) देखी गई। यह मुख्य रूप से अंटार्कटिक में कम समुद्री बर्फ का परिणाम था, जो लगातार दूसरे महीने हुआ।

जून 2023 में पृथ्वी की वैश्विक समुद्री बर्फ की मात्रा जून 2019 के पिछले रिकॉर्ड के निचले स्तर से 330,000 वर्ग मील कम थी।

इससे पहले यूरोप(Europe) की कॉपरनिकस क्लाइमेट चेंज सर्विस (CCCS) ने भी अपने रिकॉर्ड में जून 2023 को सबसे गर्म महीना बताया था। इसमें कहा गया है कि वैश्विक महासागर में रिकॉर्ड किए गए समुद्री सतह का तापमान(Temperature) अधिक देखा गया।

अंटार्कटिक समुद्री बर्फ(Antarctic Sea Ice) जून में अपनी सबसे निचली सीमा पर पहुंच गई क्योंकि उपग्रह अवलोकन औसत से 17 प्रतिशत नीचे शुरू हुआ और पिछले जून के रिकॉर्ड को काफी अंतर से तोड़ दिया।

आर्कटिक समुद्री बर्फ(Arctic Sea Ice) का विस्तार औसत से थोड़ा कम लेकिन पिछले आठ वर्षों के मुकाबले काफी ऊपर था।(IANS/RR)

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