Nitish Kumar : इस बार के लोकसभा चुनाव के नतीजों के बाद का मंजर बड़ा ही चौका देने वाला है। अब मनचाहे मंत्रालय हासिल करने को लेकर प्रेशर पॉलिटिक्स का खेल चल रहा है। एनडीए में बीजेपी के सहयोगी दल अब केंद्र में बड़े मंत्रालयों की मांग कर रहे हैं। नीतीश कुमार के नेतृत्व वाली जेडीयू की डिमांड सबसे बड़ी बताई जा रही है। सूत्रों के अनुसार नीतीश कुमार ने मोदी सरकार से तीन बड़े मंत्रालय मांगे हैं, जो बेहद अहम माना जाता है। लेकिन जेडीयू ने अभी बस अपनी ख्वाहिश जाहिर की है, अब उनके झोली में कौन सा मंत्रालय आने वाला है, ये तो एनडीए ही तय करेगा।
जेडीयू के सूत्रों से पता चला है कि नीतीश कुमार को तीन मंत्रालय चाहिए। चार सांसद पर एक मंत्रालय के फार्मूले पर जेडीयू अपने हिस्से में तीन मंत्रालय चाहती है। चूंकि पार्टी के 12 सांसद है, इसलिए वह 3 मंत्रालय चाहती है। सूत्रों के अनुसार, उन्होंने रेल , कृषि और फाइनेंस मिनिस्ट्री का डिमांड किया है। नीतीश की प्रायोरिटी में रेल मंत्रालय है।
उन्हें रेल मंत्रालय इसलिए चाहिए क्योंकि नीतीश कुमार रेल मंत्री पहले भी रह चुके हैं और रेल मंत्रालय एक ऐसा विभाग है, जिसमें सबसे अधिक जनता से सरोकार होता है। इस मंत्रालय में ज्यादा से ज्यादा लोगों से कनेक्ट किया जा सकता है।
रेल के अलावा वित्त मंत्रालय भी जेडीयू इसलिए चाहती है, ताकि वित्त के कानून में परिवर्तन कर वो बिहार को विशेष राज्य का दर्जा या बिहार को विशेष पैकेज देकर बिहार का तेजी से विकास किया जा सके। 2025 में बिहार विधानसभा का चुनाव है और केंद्र से राज्य में पैसा पंप होगा तो विकास कार्य जो होगा, उससे लोगों मे बड़ा मैसेज जाएगा।
तीसरी मिनिस्ट्री की बात करें तो नीतीश कृषि मंत्रालय भी इसलिए चाहते हैं, क्योंकि वह पहले भी कृषि मंत्री रह चुके हैं और जब वह बिहार के मुख्यमंत्री बने तो किसानों के लिए कई काम किए, जिसमें किसानों को पानी की दिक्कत न हो। इसके लिए एग्रीकल्चर फीडर डेडिकेटेड लाइन उन्होंने दी और वे किसानों के लिए कई काम करना चाहते हैं। बिहार से ही एनडीए सरकार में शामिल चिराग पासवान और जीतनराम मांझी को एक एक मंत्रालय मिल सकता है। इन दोनों नेताओं के तरफ से किसी मंत्रालय का अब तक कोई डिमांड नहीं हुआ है।