Agneepath Scheme की संवैधानिक वैधता पर सवाल, Supreme Court में याचिका दायर
Agneepath Scheme की संवैधानिक वैधता पर सवाल, Supreme Court में याचिका दायर Supreme Court (IANS)
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Agneepath Scheme की संवैधानिक वैधता पर सवाल, Supreme Court में याचिका दायर

न्यूज़ग्राम डेस्क

तीनों सशस्त्र बलों में चार साल की अवधि के लिए युवाओं को शामिल करने की अग्निपथ योजना (Agneepath Scheme) की संवैधानिक वैधता को चुनौती देते हुए सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) में एक याचिका दायर की गई है। यह याचिका अधिवक्ता एम.एल. शर्मा ने दायर की है, जिसमें शीर्ष अदालत से 14 जून को इस योजना की घोषणा करते हुए रक्षा मंत्रालय द्वारा जारी की गई अधिसूचना को रद्द करने का निर्देश देने की मांग की गई है।

यह देखते हुए कि युवाओं के एक बड़े वर्ग ने देश के विभिन्न हिस्सों में इस योजना के खिलाफ विरोध करना शुरू कर दिया है, याचिका में कहा गया है : "संलग्न प्रेस नोट के अनुसार .. दिनांक 14.06.2022, 100 प्रतिशत चयनित उम्मीदवारों में से 4 साल बाद भारतीय सेना में स्थायी कमीशन, 25 प्रतिशत भारतीय सेना बल में बना रहेगा और शेष 75 प्रतिशत भारतीय सेना में सेवानिवृत्त/अस्वीकार किए जाएंगे। चार वर्षो के दौरान उन्हें वेतन और अनुलाभ का भुगतान किया जाएगा, लेकिन 4 वर्षो के बाद पेंशन आदि नहीं मिलेगी।"

याचिका में कहा गया है कि केंद्र सरकार ने संवैधानिक प्रावधानों के विपरीत और संसद की मंजूरी के बिना और बिना किसी गजट अधिसूचना के सेना की चयन प्रक्रिया को रद्द कर दिया और इस योजना को देश पर थोप दिया।

नई दिल्ली के आईटीओ इलाके में हुए एक विरोध प्रदर्शन का हवाला देते हुए याचिका में कहा गया है : "कई छात्रों ने शुक्रवार को अखिल भारतीय छात्र संघ (आइसा) के सदस्यों के साथ मिलकर सशस्त्र बलों में भर्ती के लिए केंद्र सरकार की Agneepath Scheme का विरोध किया और इसे वापस लेने की मांग की।"

तख्तियां लिए छात्रों ने सरकार के खिलाफ नारेबाजी की और पुराने दिल्ली पुलिस मुख्यालय और आईटीओ दिल्ली मेट्रो स्टेशन के गेट नंबर 5 के बीच बैठ गए।

याचिका में कहा गया है कि इस योजना से भारतीय सेना सहित नागरिकों को गंभीर चोट पहुंचेगी। इसे अगर रद्द नहीं किया गया तो इसकी मरम्मत भी नहीं की जा सकती।
(आईएएनएस/PS)

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