खेत सुरक्षा योजना फसलों को छुट्टा पशुओं से बचाने में बनेगी मददगार।(Wikimedia Commons) 
उत्तर प्रदेश

खेत सुरक्षा योजना फसलों को छुट्टा पशुओं से बचाने में बनेगी मददगार

पशुओं से होने वाले नुकसान से बचाने के लिए यूपी सरकार(UP Government) ने योजना तैयार कर ली है। जल्दी ही इस योजना को कैबिनेट की मंजूरी भी मिल सकती है। 'मुख्यमंत्री खेत सुरक्षा योजना(Mukhyamantri Khet Suraksha Yojna)' से किसानों की इस समस्या को दूर करने का पूरा प्रयास होगा।

न्यूज़ग्राम डेस्क

पशुओं से होने वाले नुकसान से बचाने के लिए यूपी सरकार(UP Government) ने योजना तैयार कर ली है। जल्दी ही इस योजना को कैबिनेट की मंजूरी भी मिल सकती है। 'मुख्यमंत्री खेत सुरक्षा योजना(Mukhyamantri Khet Suraksha Yojna)' से किसानों की इस समस्या को दूर करने का पूरा प्रयास होगा।

योजना की उपयोगिता के मद्देनजर ही सरकार ने अब इसे बुंदेलखंड(Bundelkhand) के साथ पूरे प्रदेश में एक साथ लागू करने का निर्णय ले लिया है।

योजना के बाबत प्रस्तावित बजट 75 करोड़ से बढ़ाकर 350 करोड़ रुपये कर दिया गया है।

सरकार के प्रवक्ता ने बताया कि मुख्यमंत्री खेत सुरक्षा योजना किसान के खेत की फसल को पशुओं से बचाने के लिए सोलर फेंसिंग(Solar Facing) की योजना है। इसके तहत लगाई जाने वाली सोलर फेंसिंग की बाड़ में मात्र 12 बोल्ट का करंट प्रवाहित होगा। इससे सिर्फ पशुओं को झटका लगेगा। कोई क्षति नहीं होगी। हल्के करंट के साथ सायरन की आवाज भी होगी। इससे छुट्टा या जंगली जानवर मसलन नीलगाय, बंदर, सुअर आदि खेत मे खड़ी फसल को क्षति नहीं पहुंचा सकेंगे।

इसके लिए सरकार लघु-सीमांत किसानों(Short-Range farmers) को प्रति हेक्टेयर लागत 60 फीसद या 1.43 लाख रुपये का अनुदान भी देगी। कृषि विभाग इस योजना का ड्राफ्ट तैयार कर चुका है। शीघ्र ही इसे कैबिनेट में भेजा जाएगा। वहां से मंजूरी मिलने के बाद अब इसे पूरे प्रदेश में लागू किया जाएगा।

खेत में खड़ी फसल का नुकसान पशु तब अधिक करते हैं जब उनको कुछ खाने को नहीं मिलता। गोचर भूमि इसके लिए जरूरी है। गोचर भूमि को अवैध कब्जे से मुक्त कराने के लिए पशुपालन एवं दुग्ध विकास विभाग 11 जुलाई से अभियान चल रहा है। यह अभियान 25 अगस्त तक चलेगा। उल्लेखनीय है कि छुट्टा पशुओं की यह समस्या कमोबेश पूरे प्रदेश में एक जैसी है। विपक्ष समय-समय पर इस समस्या को लेकर तंज कसता रहता है। पार्टी के जनप्रतिनिधियों को भी फील्ड में इस बाबत सुनना पड़ता है। अगले साल लोकसभा चुनाव में यह मुद्दा न बने, इसमें ये कदम मददगार बनेंगे।(IANS/RR)

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