न्यूजग्राम हिंदी; चीनी ऋण आवेदन घोटाला मामले की जांच कर रहे प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) को अपनी जांच के दौरान पता चला है कि ऐप के निर्माताओं ने कोविड के दौर में कई लोगों को धोखा दिया था, जिसके कारण वित्तीय संकट और नौकरियों के नुकसान सहित कई चुनौतियों का सामना करना पड़ा। चीनी ऋण ऐप (Chinese loan app) ने लाखों बेरोजगार लोगों को सूक्ष्म ऋण की पेशकश की और फिर विभिन्न बहानों से उन्हें ब्लैकमेल करके उनसे राशि वसूल की। जांच से जुड़े एक सूत्र ने कहा कि यह सब 'कमजोर' नियम-कायदों की वजह से हुआ।
कर्ज लेने वाली कई महिलाओं को धमकी दी गई थी कि अगर उन्होंने जुर्माने की रकम के साथ पूरा ब्याज नहीं चुकाया तो उनका नाम और फोटो पोर्न साइट्स (Porn Sites) पर अपलोड कर दिया जाएगा। आरोपियों ने ऋण लेने वालों के संपर्क विवरण तक पहुंच बनाई थी और उन्हें चोर के रूप में चित्रित करते हुए उनके रिश्तेदारों, दोस्तों और परिचित व्यक्तियों को संदेश भेजे थे। यह भी एक हथकंडा था कि उनसे दूसरे चीनी लोन ऐप के जरिए कर्ज लिया जाए।
इसके पीछे कुछ ऐप थे - मनी बॉक्स, नीड रुपी, माय बैंक, लोन ग्राम, कोको कैश, पांडा रुपी और कैश पॉट। इन्हें हांगकांग (Hongkong) और अन्य शहरों में स्थित चीनी नागरिकों द्वारा नियंत्रित और प्रबंधित किया जाता था। ईडी को जांच के बाद पता चला कि दो मुख्य आरोपी- क्यू यांग पेंग और 'मि. लैल' ने भारत का दौरा किया था।
चीनी ऋण ऐप घोटाला
उन्होंने कुछ भारतीय नागरिकों की मदद ली, और फर्मे खोलीं, जबकि भारतीयों को उनके दुर्भावनापूर्ण इरादे के बारे में कोई जानकारी नहीं थी। ईडी ने पहले कहा था, "पूछताछ के दौरान यह सामने आया कि ये संस्थाएं चीनी व्यक्तियों द्वारा संचालित की जाती हैं। उन्होंने भारतीयों के जाली दस्तावेजों का इस्तेमाल किया और उन्हें उन संस्थाओं का डमी निदेशक बना दिया।" चीनी नागरिकों से संबंधित कई संस्थाओं के खिलाफ साइबर अपराध पुलिस स्टेशन, बेंगलुरु द्वारा 18 प्राथमिकी दर्ज की गईं।
आईएएनएस/PT