हिमालयी मुलेठी: पेट व त्वचा रोगों में असरदार आयुर्वेदिक जड़ी-बूटी IANS
स्वास्थ्य

हिमालयी इलाके में उगने वाली मुलेठी है चमत्कारी, पेट से लेकर त्वचा रोगों तक में देती है राहत

नई दिल्ली, हमारे देश को आयुर्वेद (Ayurved) का जनक कहा जाता है क्योंकि समुंद्र मंथन से भगवान धन्वतरि अमृत कलश और जड़ी बूटी लेकर प्रकट हुए थे, उन्हें ही आयुर्वेद का दाता कहा जाता है।

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आयुर्वेद (Ayurved) में कई हजार जड़ी-बूटियां (Medical Herbs) मौजूद हैं। इनमें शामिल कुछ जड़ी-बूटियों तक पहुंच आसान है। ऐसी ही एक जड़ी बूटी है मुलेठी (Mulethi / Licorice root), जिसे शरीर के लिए वरदान माना गया है। आयुर्वेद में मुलेठी को यष्टिमधु (Yashtimadhu) कहा जाता है और देश के अलग-अलग राज्यों में अलग-अलग नामों से जाना जाता है।

मुलेठी एक बारहमासी (Perennial) पौधा है, जो किसी भी सीजन में उगाया जा सकता है। इसकी खेती मुख्यत हिमालय क्षेत्र में होती है। मुलेठी को वात (Vata) और पित्त (Pitta) से जोड़ा गया है, जो इन दोनों को संतुलित करता है। ये स्वाद में मीठी होती है और कई रोगों में राहत दिलाने में मदद करती है। मुलेठी की तासीर ठंडी (Cooling in Nature) होती है और स्वाद मीठा होता है। इसमें एंटीऑक्सीडेंट (Antioxidant), एंटी-इंफ्लेमेटरी (Anti-inflammatory) और इम्यूनो-मॉड्यूलेटर (Immuno-Modulators) गुण होते हैं, जो कई बीमारियों में राहत देते हैं, हालांकि कफ की प्रवृत्ति होने पर इसे कम से कम लेना चाहिए।

मुलेठी का इस्तेमाल कई अलग-अलग तरह से अलग-अलग समस्याओं में किया जाता है। अगर श्वसन संबंधी रोग (Respiratory Disease) जैसे खांसी (Cough), सांस लेने में परेशानी (Breathing Issues), अस्थमा (Asthma), गले में दर्द जैसी समस्या बार-बार परेशानी करती है तो मुलेठी लेना सही होगा। इसके इस्तेमाल से गले के वोकल कॉर्ड (Vocal Cord) को भी आराम मिलता है और आवाज मधुर होती है। इसके लिए मुलेठी के साथ एक चम्मच सितोपलादि चूर्ण (Sitopaladi Churna) और शहद मिलाकर लें, ये गले के रुखेपन (Dryness) को भी कम करने में मदद करेगा।

इसके अलावा, त्वचा Skin) और बाल संबंधी परेशानियों में भी मुलेठी कारगर है। यह गंजापन (Baldness), चेहरे के दाग-धब्बे (Spots/Pigmentation), खुजली (Itching) और बालों का झड़ना (hair Fall) जैसी दिक्कतों में भी आराम देता है। इसके लिए मुलेठी और भृंगराज चूर्ण (Bhringraj powder) का एक चम्मच चूर्ण को दूध के साथ अच्छे से मिला लें और चेहरे और बालों की स्कैल्प (Scalp) पर लगाएं। इससे चेहरे का निखार (Shine) बढ़ेगा। मुलेठी का इस्तेमाल पुरुषों में शुक्राणु की मात्रा और गुणवत्ता को बनाए रखता है, वहीं महिलाओं में मेनोपॉज में होने वाली परेशानियों से भी आराम देता है। इसके लिए मुलेठी का काढ़ा बनाकर पीना चाहिए। मुलेठी पेट संबंधी परेशानियों में भी आराम देता है।

अगर कब्ज, पाचन का क्षीण (Impaired digestion) होना, भूख न लगना और बार-बार गैस बनने की परेशानी होती है तो मुलेठी Mulethi को आंवला चूर्ण और सूखे धनिए के चूर्ण के साथ ले सकते हैं। इसके अलावा, मुलेठी और सौंफ को पीसकर पाउडर भी बना सकते हैं।

[AK]

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