ऑल इंडिया काउंसिल फॉर टेक्निकल एजुकेशन (एआईसीटीई) और यूजीसी (UGC) ने देशभर के विश्वविद्यालयों एवं उच्च शिक्षण संस्थानों (Higher educational institutes) में 31 अक्टूबर तक देश के प्रथम गृहमंत्री सरदार वल्लभभाई पटेल के जीवन पर आधारित प्रदर्शनी लगाने का अनुरोध किया है। यूजीसी ने देशभर के विश्वविद्यालयों और उनसे जुड़े कॉलेजों से कहा है कि बेहतर होगा कि सरदार पटेल पर लगाई जाने वाली यह प्रदर्शनी क्षेत्रीय भाषाओं में आयोजित की जाए।
यूजीसी का कहना है कि देश भर के उच्च शिक्षण संस्थानों में सरदार पटेल के जीवन पर प्रदर्शनी लगाने का मकसद देश की अखंडता और एकता की शक्ति को दर्शाना है। बीजेपी (BJP) का यह भी कहना है कि प्रधानमंत्री द्वारा इसका उल्लेख स्वतंत्रता दिवस 'पंच प्राण' में से एक के रूप में किया गया था।
सरदार वल्लभभाई पटेल के जीवन और योगदान का जश्न मनाने के लिए, 'सरदार पटेल - एकीकरण के वास्तुकार' नामक एक प्रदर्शनी को इंदिरा गांधी राष्ट्रीय कला केंद्र (आईजीएनसीए) और भारतीय ऐतिहासिक अनुसंधान परिषद (आईसीएचआर) द्वारा संयुक्त रूप से क्यूरेट किया गया है। यह प्रदर्शनी हिंदी और अंग्रेजी में, वेबसाइट पर डिजिटल प्रारूप में उपलब्ध है।
विश्वविद्यालयों के कुलपतियों कॉलेजों व अन्य संस्थानों के प्राचार्यों को लिखे अपने पत्र में यूजीसी ने कहा है कि यह अनुरोध किया जाता है कि प्रदर्शनी को प्रमुख स्थानों पर लगाया जाए, जहां बड़ी संख्या में लोग इसे देख सकें ताकि इसकी व्यापक पहुंच सुनिश्चित हो सके। प्रदर्शनी का प्रदर्शन छोटे कार्यक्रमों के साथ किया जा सकता है। इन कार्यक्रमों के आयोजन के लिए एक मानक संचालन प्रक्रिया (एसओपी) संलग्न है, जिसका सभी मामलों में पालन किया जा सकता है। किसी भी प्रकार की सहायता और पूछताछ के मामले में, विभागाध्यक्ष, जनपद संपदा डिवीजन, आईजीएनसीए से संपर्क कर सकते हैं।
यूजीसी के सचिव रजनीश जैन ने अपने इस पत्र में सभी विश्वविद्यालयों से कहा है कि उपरोक्त को ध्यान में रखते हुए, सभी उच्च शिक्षण संस्थानों और उनके संबद्ध कॉलेजों से अनुरोध है कि वे सरदार वल्लभभाई पटेल (Sardar Vallabhbhai Patel) जीवन पर 31 अक्टूबर तक एक विशेष प्रदर्शनी का आयोजन करें, जिसे क्षेत्रीय भाषाओं में उपलब्ध कराया जा सकता है।
आईएएनएस/RS